न ठुमरी, न टप्पे,
न लारा, न लप्पे,
चुनो गोलगप्पे,
सुनो बोलगप्पे।
अचानक तुम्हारे पीछे कोई कुत्ता भौंके,
तो क्या तुम रह सकते हो बिना चौंके।
अगर रह सकते हो तो या तो तुम बहरे हो, या फिर बहुत गहरे हो।
बोलगप्पे
₹150.00
न ठुमरी, न टप्पे,
न लारा, न लप्पे,
चुनो गोलगप्पे,
सुनो बोलगप्पे।
अचानक तुम्हारे पीछे कोई कुत्ता भौंके,
तो क्या तुम रह सकते हो बिना चौंके।
अगर रह सकते हो तो या तो तुम बहरे हो, या फिर बहुत गहरे हो।
ISBN10-8171829635
Additional information
Author | Ashok Chakradhar |
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ISBN | 8171829635 |
Pages | 172 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171829635 |
SKU
9788171829637
Categories Humorous Poetry, Humour