भविष्‍य पुराण

95.00

Bhavishya Purana

Additional information

Author

Dr. Vinay

ISBN

8128805622

Pages

160

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128805622

महर्षि वेदव्‍यास द्वारा रचित ‘भविष्‍य पुराण’ को अठारह पुराणों में नवां स्‍थान प्राप्‍त है। इस पुराण में भगवान् सूर्यनारायण की महिमा, उनके स्‍वरूप, पूजा-उपासना विधि आदि का विस्‍तृत वर्णन होने के कारण इसे ‘सौर पुराण’ या ‘सौर ग्रंथ’ भी कहा गया है। इस पुराण में विभिन्‍न पुण्‍यमय व्रत-उपवासों, उनकी विधियों उनसे संबंद्ध पौराणिक तथा शिक्षाप्रद आख्‍यानों-उपाख्‍यानों का विस्‍तृत विवेचन है। इसके अतिरिक्‍त सामुदिक शास्‍त्र अर्थात् स्‍त्री-पुरुष के शारीरिक लक्षणों विभिन्‍न रत्‍नों-मणियों की परीक्षा का विधान, विभिन्‍न स्‍त्रोत, अनेक प्रभावशाली औषधियों तथा सर्प-विद्या का इतना विशद् वर्णन भविष्‍य पुराण के अतिरिक्‍त अन्‍य किसी पुराण में उपलब्‍ध नहीं है। इसमें विभिन्‍न राजवंशो, भारतीय धर्म-संस्‍कारों तत्‍कालीन सामाजिक-धार्मिक व्‍यवस्‍था, शिक्षा प्रणाली तथा वास्‍तुकला शिल्‍प का भी विस्‍तृत वर्णन किया गया है।

ISBN10-8128805622

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