₹95.00
मधुमेह को कोई-कोई असाध्य या यों कहिये कि ला-लाइज रोग मानते हैं। किंतु क्या यह अंतिम कथन है? इस पर आज गंभीरता से विचार हो रहा है, हमारे देश में और विदेश में भी। आयुर्वेदिक, यूनानी, एलोपैथिक तथा होम्योपैथी सभी इसके निराकरण के लिए कटिबद्ध प्रतीत होते हैं अत हम विश्वास कर सकते हैं कि चिकित्सा-विज्ञान अपनी तकनीक की प्रगति से तथा चिकित्सों के अथक परिश्रम से इस रोग की असाध्यता को साध्यता में परिणत करेंगे। प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने सभी चिकित्सा पद्धतियों के आधार पर इसके कारण, लक्षण, उपद्रव और निदान तथा उपचार पर सम्यक् प्रकाश डालने का यत्न किया है। आशा है पाठक इससे लाभान्वित होंगे।
Author | Dr. Rajeev Sharma |
---|---|
ISBN | 8171825745 |
Pages | 30 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Fusion Books |
ISBN 10 | 8171825745 |
मधुमेह को कोई-कोई असाध्य या यों कहिये कि ला-लाइज रोग मानते हैं। किंतु क्या यह अंतिम कथन है? इस पर आज गंभीरता से विचार हो रहा है, हमारे देश में और विदेश में भी। आयुर्वेदिक, यूनानी, एलोपैथिक तथा होम्योपैथी सभी इसके निराकरण के लिए कटिबद्ध प्रतीत होते हैं अत हम विश्वास कर सकते हैं कि चिकित्सा-विज्ञान अपनी तकनीक की प्रगति से तथा चिकित्सों के अथक परिश्रम से इस रोग की असाध्यता को साध्यता में परिणत करेंगे। प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने सभी चिकित्सा पद्धतियों के आधार पर इसके कारण, लक्षण, उपद्रव और निदान तथा उपचार पर सम्यक् प्रकाश डालने का यत्न किया है। आशा है पाठक इससे लाभान्वित होंगे।
ISBN10-8171825745