मनु और श्रद्धा
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- Book Details
Manu Aur Shraddha
Additional information
Author | Nishantketu |
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ISBN | 9789351652687 |
Pages | 288 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Toons |
ISBN 10 | 9351652688 |
ट्टमत्स्य पुराण’ में भी उस विप्लव का वर्णन है, जिससे भगवान मनु को लांघना पड़ा और जिसमें उनके पथ प्रदर्शक भगवान मत्स्य थे। महाभारत, भागवत और अन्य पुराणों में भी इसका वर्णन है। इसी विप्लव का प्रतिबिंब ट्टनूह के तूफ़ान’ की कथा में मिलता है। ट्टयूनानी देव—माला’ में भी इसी प्रकार के विप्लव का वर्णन है। इस विप्लव के कारण जल और उसी के दूसरे रूप हिम ने आर्य अथवा देव लोगों को उनके देवलोक (स्वर्ग) से निकाला।
ट्टवैवस्वत मनु और श्रद्धा’ में लेखक ने जनता के सम्मुख यह बात रखने का यत्न किया है कि सृष्टि के आरंभ में मानव जाति के आदि पुरुष देवलोक के वासी थे, महाविप्लव के कारण उन्होंने उसे त्यागा और सहस्त्रों कठिनाइयों को झेलकर अंत में भारत को अपना देश बनाया। यह देश जनशून्य था और जलराशि से नया—नया ही निकला था। हमारे जगत् पुरुषों ने इसे धन—धान्य से परिपूर्ण करके विश्व के अन्य लोगों को विघा—ग्रहण के लिए यहां आने का निमंत्रण दिया।