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महाकाली एवं तंत्र तांत्रिक साधनाएं

95.00

तंत्र एक ऐसा कल्‍पवृक्ष है, जिससे छोटी-से-छोटी और बड़ी-से-बड़ी कामनाओं की पूर्ति संभव है। श्रद्धा और विश्‍वास के बल पर लक्ष्‍य की ओर बढ़ने वाला तंत्र साधक अतिशीघ्र निश्चित लक्ष्‍य प्राप्‍त कर लेता है। भावों को प्रकट करने के साधनों का आदि स्‍त्रोत यंत्र-तंत्र ही है। यंत्र-तंत्र के विकास से ही अंक और अक्षरों की सृष्टि हुई। अत रेखा, अंक एवं अक्षरों का मिला-जुला रूप तंत्रों में व्‍याप्‍त हो गया। साधकों ने इष्‍टदेव की अनुकम्‍पा से बीज मंत्र तथा अन्‍य मंत्रों को प्राप्‍त किया और उनके जप से सिदि्धयां पायीं तो यंत्र-तंत्र में उन्‍हें भी अंकित कर लिया। तंत्र का विशाल प्राचीन साहित्‍य इसकी वैज्ञानिक सत्‍यता का प्रमाण है।
पं. राधाकृष्‍ण श्रीमाली ज्‍योतिष, तंत्र, मंत्र और वास्‍तु के स्‍थापित हस्‍ताक्षर हैं। यह पुस्‍तक संग्रहणीय तो है ही, आध्‍यात्मिक यात्रा के लिए भी जरूरी है। ISBN10-8128806718

95.00

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महाकाली एवं तंत्र तांत्रिक साधनाएं

Additional information

Author

Dr. Radha Krishna Srimali

ISBN

8128806718

Pages

184

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128806718

SKU 9788128806711 Category