जिस प्रकार ब्रह्माण्ड के गहर अंधकार के गर्भ से सृष्टि का सृजन नव-ग्रहों के रूप में हुआ है ठीक वैसे ही मनुष्य के जीवन का सृजन भी मां के गर्भ में नौ महीनों के अंतराल में होता है। और ये नौ महीने नवरात्रि के समान होते हैं जिसमें आत्मा शरीर धारण करती है। लेखक मां ऐसा चेहरा आपके सामने लाना चाहता था, जिसमें मां का प्रतिबिम्ब भी साफ नजर आए। इस प्रयास में लेखक कहां तक सफल हुआ? यह आपको बताना है।
मां
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जिस प्रकार ब्रह्माण्ड के गहर अंधकार के गर्भ से सृष्टि का सृजन नव-ग्रहों के रूप में हुआ है ठीक वैसे ही मनुष्य के जीवन का सृजन भी मां के गर्भ में नौ महीनों के अंतराल में होता है। और ये नौ महीने नवरात्रि के समान होते हैं जिसमें आत्मा शरीर धारण करती है। लेखक मां ऐसा चेहरा आपके सामने लाना चाहता था, जिसमें मां का प्रतिबिम्ब भी साफ नजर आए। इस प्रयास में लेखक कहां तक सफल हुआ? यह आपको बताना है।
ISBN10-8128821318
Additional information
Author | Tarun Engineer |
---|---|
ISBN | 9790000000000 |
Pages | 296 |
Format | Paper Back |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128821318 |
SKU
9788128821318
Category Indian Philosophy
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