मांगलिक दोष कारण और निवारण

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‘ मंगल पर विस्‍तृत फलादेश ‘भोजसंहिता’ के मंगलखंड’ में मिलेगा। इस पुस्‍तक में मंगल संबंधी सभी दोषों का निवारण घटविवाह के माध्‍यम से बताया गया है। घटविवाह में प्रायश्चित हवन लाजाहोम, राष्‍ट्रमृतहोम अनिवार्य है। घटविवाह की सम्‍पूर्ण शास्‍त्र सम्‍मत विधि कहीं उपलब्‍ध नहीं है।
गृह-स्‍थापना के मंत्र तो यत्र-तत्र-सर्वत्र मिलते हैं पर प्रत्‍येक का ग्रह विनियोग, ध्‍यान, आवाहन मंत्र, प्राण प्रतिष्‍ठा मंत्र, दिशा, तांत्रिक मंत्र, नमस्‍कार मंत्र आपको केवल इस पुस्‍तक में ही मिलेंगे। इसी प्रकार से मातृका स्‍थापन पर वैदिक एवं पौराणिक दोनों मंत्र दिए गए हैं। विवाह विधिपूर्ण है इस पुस्‍तक को हाथ में लेने के बाद इस कार्य हेतु दूसरी पुस्‍तक की सहायता की आवश्‍यकता नहीं पड़ेगी। यही पुस्‍तक का प्रयोजन है।
डॉ. भोजराज द्विवेदी

Additional information

Author

Bhojraj Dwivedi

ISBN

8128809938

Pages

192

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128809938

मंगल पर विस्‍तृत फलादेश ‘भोजसंहिता’ के मंगलखंड’ में मिलेगा। इस पुस्‍तक में मंगल संबंधी सभी दोषों का निवारण घटविवाह के माध्‍यम से बताया गया है। घटविवाह में प्रायश्चित हवन लाजाहोम, राष्‍ट्रमृतहोम अनिवार्य है। घटविवाह की सम्‍पूर्ण शास्‍त्र सम्‍मत विधि कहीं उपलब्‍ध नहीं है।
गृह-स्‍थापना के मंत्र तो यत्र-तत्र-सर्वत्र मिलते हैं पर प्रत्‍येक का ग्रह विनियोग, ध्‍यान, आवाहन मंत्र, प्राण प्रतिष्‍ठा मंत्र, दिशा, तांत्रिक मंत्र, नमस्‍कार मंत्र आपको केवल इस पुस्‍तक में ही मिलेंगे। इसी प्रकार से मातृका स्‍थापन पर वैदिक एवं पौराणिक दोनों मंत्र दिए गए हैं। विवाह विधिपूर्ण है इस पुस्‍तक को हाथ में लेने के बाद इस कार्य हेतु दूसरी पुस्‍तक की सहायता की आवश्‍यकता नहीं पड़ेगी। यही पुस्‍तक का प्रयोजन है।
डॉ. भोजराज द्विवेदी
ISBN10-8128809938

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