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मीर उर्दू शायरी के इमाम (अगुआ) हैं। इस बात को उर्दू के बड़े-बड़े शायरों ने स्वीकार किया है। ‘नासिख’, ‘गालिब’ और ‘जौक’जैसे उस्ताद भी उनका लोहा मानते थे। मीर उन शायरों में से थे जिनकी शायरी जब तक साहित्य है, यह दुनिया अपने पूरे प्रभाव के साथ पढ़ी जाती रहेगी।
Author | Amar Dehlavi |
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ISBN | 8128806386 |
Pages | 120 |
Format | Paper Back |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128806386 |
मीर उर्दू शायरी के इमाम (अगुआ) हैं। इस बात को उर्दू के बड़े-बड़े शायरों ने स्वीकार किया है। ‘नासिख’, ‘गालिब’ और ‘जौक’जैसे उस्ताद भी उनका लोहा मानते थे। मीर उन शायरों में से थे जिनकी शायरी जब तक साहित्य है, यह दुनिया अपने पूरे प्रभाव के साथ पढ़ी जाती रहेगी।
ISBN10-8128806386
History & Politics, Language & Literature
Language & Literature, Language Teaching Method