लेखक की रजनीशपुरम यात्रा एक चमत्कार थी।चमत्कार थी चमत्कार माने यही कि जो हर तरह से असंभव हो और संभव हो जाएं हां ,न जाने को पैसा, न कुछ और पहुंच गया। न केवल पहुंचा, वरन ओशो के अतिथि की भांति देर तक रुके रहने का भी सौभाग्य मिला। पर यह आधा सत्य है। शेष आधा सत्य यह है कि जो भी वहां गया या जो वहां कम्यूनवासी की भांति रहा, रजनीशपुरम यात्रा ही नहीं, रजनीशपुरम नगर भी चमत्कार से कम किसी के लिए नहीं था। वह युगों-युगों से ॠषियों-मुनियों द्वारा देखा गया सपना था जिसे ओशो ने साकार किया था। जैसे पानी में प्रवेश करने को कोई गीला हो जाता है, और अग्नि में कोई जल जाता है, वैसे रजनीशपपुरम में होकर कोई शांत, शीतल एवं उत्सवपूर्ण हो जाता है।
मेरी रजनीशपुरम यात्रा
₹50.00
Out of stock
Other Buying Options
लेखक की रजनीशपुरम यात्रा एक चमत्कार थी।चमत्कार थी चमत्कार माने यही कि जो हर तरह से असंभव हो और संभव हो जाएं हां ,न जाने को पैसा, न कुछ और पहुंच गया। न केवल पहुंचा, वरन ओशो के अतिथि की भांति देर तक रुके रहने का भी सौभाग्य मिला। पर यह आधा सत्य है। शेष आधा सत्य यह है कि जो भी वहां गया या जो वहां कम्यूनवासी की भांति रहा, रजनीशपुरम यात्रा ही नहीं, रजनीशपुरम नगर भी चमत्कार से कम किसी के लिए नहीं था। वह युगों-युगों से ॠषियों-मुनियों द्वारा देखा गया सपना था जिसे ओशो ने साकार किया था। जैसे पानी में प्रवेश करने को कोई गीला हो जाता है, और अग्नि में कोई जल जाता है, वैसे रजनीशपपुरम में होकर कोई शांत, शीतल एवं उत्सवपूर्ण हो जाता है।
Additional information
Author | Ageh Bharti |
---|---|
ISBN | 9790000000000 |
Pages | 112 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 812882211X |
Related Products
Related products
Social Media Posts
This is a gallery to showcase images from your recent social posts