प्रस्तुत पुस्तक में ओशो ने वास्तविक धर्म पर चर्चा की है। वे कहते है- “जिसे लोग धर्म समझते हैं, वह धर्म नहीं है। ईसाई धर्म, इस्लाम और हिंदू धर्म, ये धर्म नहीं है। लोग जिन्हें धर्म कहते हैं, वे मूल चट्टानें हैं। मैं तुम्हें धर्म नहीं धार्मिकता सिखाता हूं। धार्मिकता अर्थात जीवन की कला, होश और हास्य, आनंद अहोभाव-महो
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प्रस्तुत पुस्तक में ओशो ने वास्तविक धर्म पर चर्चा की है। वे कहते है- “जिसे लोग धर्म समझते हैं, वह धर्म नहीं है। ईसाई धर्म, इस्लाम और हिंदू धर्म, ये धर्म नहीं है। लोग जिन्हें धर्म कहते हैं, वे मूल चट्टानें हैं। मैं तुम्हें धर्म नहीं धार्मिकता सिखाता हूं। धार्मिकता अर्थात जीवन की कला, होश और हास्य, आनंद अहोभाव-महो
Additional information
Author | Osho |
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ISBN | 8128803913 |
Pages | 160 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128803913 |