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युग प्रवर्तक महात्मा बुद्ध
Author | Ashok Kaushik |
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ISBN | 817182790X |
Pages | 144 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 817182790X |
सरस्वती, प्रयाग, गया, बाहुमती, सुन्दरिका आदि नदियों में पापकर्मी मूढ़ चाहे जितना स्नान करें, वे शुद्ध नहीं होंगे। ये नदियां पापकर्मी को शुद्ध नहीं कर सकतीं। शुद्ध मनुष्य के लिए तो सर्वत्रा ही गया है। शुद्ध तथा शुचिकर्मा के व्रत सदा पूर्ण होते हैं। यदि तुम मिथ्या भाषण नहीं करते, बिना दिये लेते नहीं, श्रद्धावान् हो, मत्सर रहित हो, तो ‘गया’ जाने से क्या लाभ? क्षुद्र जलाशय भी तुम्हारे लिये ‘गया’ है।
महात्मा बुद्ध