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Yog Purshon Ke Liye
Author | Aacharya Bhagwan Dev |
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ISBN | 8171822894 |
Pages | 260 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Divya Prakashan |
ISBN 10 | 8171822894 |
राष्ट्र का गौरव जनता के आरोग्य पर अवलंबित है। सशक्त रहकर ही मानव अपना तथा देश का हित कर सकता है। तन्दुरुस्ती अर्थात् उत्साह, कार्य-क्षमता, यश, आनन्द और जीवन सांख्य ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्’ धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष – इस जगत के चतुर्विध् कार्य-क्षेत्रों में पुरुषार्थ की सिद्ध हेतु सशक्त और कसा हुआ सुदृढ़ शरीर और निरोगी मन अनिवार्य साधन है।
ISBN10-8171822894
Diamond Books, Business and Management, Economics