राग असावरीराग असावरी

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निभाई भट्टाचार्य मूलत बांग्ला उपन्यासकार हैं जिनके उपन्यासों का अनुवाद हिन्दी में भी हुआ है। सोनागाछी की चंपा, अट्ठारह वर्ष की लड़की और देवर भाभी के बाद राग असावरी डायमंड बुक्स में उनकी चौथी कृति है, जिसका मूल बांग्ला रचना राग आशावरी से अनुवाद रेनूका राय ने किया है। प्रस्तुत उपन्यास का कथानक हम सभी के दिन प्रतिदिन के जीवन से प्रेरणा लिए हुए हैं। लेखक के ही शब्दों में- बहुत दिनों के बाद मन के इंसान जैसे कोई आया कोई भूली हुई वसन्त ऋतु से…।

Additional information

Author

Nimai Bhattacharya

ISBN

8128802402

Pages

168

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128802402

निभाई भट्टाचार्य मूलत बांग्ला उपन्यासकार हैं जिनके उपन्यासों का अनुवाद हिन्दी में भी हुआ है। सोनागाछी की चंपा, अट्ठारह वर्ष की लड़की और देवर भाभी के बाद राग असावरी डायमंड बुक्स में उनकी चौथी कृति है, जिसका मूल बांग्ला रचना राग आशावरी से अनुवाद रेनूका राय ने किया है। प्रस्तुत उपन्यास का कथानक हम सभी के दिन प्रतिदिन के जीवन से प्रेरणा लिए हुए हैं। लेखक के ही शब्दों में- बहुत दिनों के बाद मन के इंसान जैसे कोई आया कोई भूली हुई वसन्त ऋतु से…।
ISBN10-8128802402

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