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राजी है तेरी रजा में
Author | Anandmurti Guru Maa |
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ISBN | 8128815032 |
Pages | 110 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128815032 |
तुम्हारा राम तुमको पागल कर ही दे क्योंकि जो पागल हो सका, दीवाना हो सकता, उसी ने तो राज का समझा है। कोई और तरीका तो है नहीं। यह समझदारों का खेल नहीं है, ठीक से याद रखना इस बात को। यह समझदारों का खेल नहीं है यह अक्लवाले अहंकारियों का खेल नहीं है। यह खेल है, जो दीवाना हो जाए, उसका।