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भारतीय जनमानस के पुरातन नायक श्री राम ने अपने समय में जो आदर्श आम जनता के सामने रखे थे। उन्हें आम जनता आज भी मानकर चलती हैं। वे आदर्शप्राचीन काल और आधुनिक काल में कितने सटीक बैठते हैं इसकी स्पष्ट विवेचना प्रदीप शर्मा दत्ता्ोय ने इस पुस्तक में की है।
Author | Pradeep Sharma Duttatrya |
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ISBN | 8186948007 |
Pages | 76 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8186948007 |
भारतीय जनमानस के पुरातन नायक श्री राम ने अपने समय में जो आदर्श आम जनता के सामने रखे थे। उन्हें आम जनता आज भी मानकर चलती हैं। वे आदर्शप्राचीन काल और आधुनिक काल में कितने सटीक बैठते हैं इसकी स्पष्ट विवेचना प्रदीप शर्मा दत्ता्ोय ने इस पुस्तक में की है।