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‘ भारत में पर्वों के साथ व्रत और अनुष्ठान जोड़े गये हैं। अन्य संस्कृतियों में भी पर्वों, व्रतों और अनुष्ठानों का प्रचलन किसी न किसी रूप में मिलता है। किन्तु जितनी वैज्ञानिकता हिन्दुओं के व्रत उपवासों में है उतनी अन्य कहीं नहीं।
हर त्यौहार में मौसम के अनुसार व्रत में क्या खायें, क्या पहनें किसका पूजन करें, इन सभी बातों का विस्त़त उल्लेख मिलता है। लोक संस्क़ति में इनका समावेश होने से जन साधरण को भी इस बात का ज्ञान है कि व्रत-उपवास के पीछे पौराणिक कथायें हैं जो सुखी जीवन के लिये हितकर संदेश देती है।
Author | Rajesh Sharma |
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ISBN | 817182935X |
Pages | 192 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 817182935X |
‘ भारत में पर्वों के साथ व्रत और अनुष्ठान जोड़े गये हैं। अन्य संस्कृतियों में भी पर्वों, व्रतों और अनुष्ठानों का प्रचलन किसी न किसी रूप में मिलता है। किन्तु जितनी वैज्ञानिकता हिन्दुओं के व्रत उपवासों में है उतनी अन्य कहीं नहीं।
हर त्यौहार में मौसम के अनुसार व्रत में क्या खायें, क्या पहनें किसका पूजन करें, इन सभी बातों का विस्त़त उल्लेख मिलता है। लोक संस्क़ति में इनका समावेश होने से जन साधरण को भी इस बात का ज्ञान है कि व्रत-उपवास के पीछे पौराणिक कथायें हैं जो सुखी जीवन के लिये हितकर संदेश देती है।