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शकी बदायूंनी को साहित्य की अच्छी सूच और शेर-ओ-शायरी से प्राकृतिक लगाव था। शकील ने अपने जाती तजुबार्त व मुशाहितदास से उर्दू शायरी को अलग राग-रंग बख्शने की कामयाब कोशिश की है। उनके कलाम में हर तरफ जिंदगी और उसका शऊर बिखरा हुआ है। कतील ने अपनी स्वाभाविक अपनी प्राकृतिक योग्यताओं से इस शायरी में भी एक क्रांति पैदा कर दी और फिल्मी शायरी को अदबी शायरी के निकट ला दिया।
Author | Amar Dehlavi |
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ISBN | 8128806424 |
Pages | 160 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128806424 |
शकी बदायूंनी को साहित्य की अच्छी सूच और शेर-ओ-शायरी से प्राकृतिक लगाव था। शकील ने अपने जाती तजुबार्त व मुशाहितदास से उर्दू शायरी को अलग राग-रंग बख्शने की कामयाब कोशिश की है। उनके कलाम में हर तरफ जिंदगी और उसका शऊर बिखरा हुआ है। कतील ने अपनी स्वाभाविक अपनी प्राकृतिक योग्यताओं से इस शायरी में भी एक क्रांति पैदा कर दी और फिल्मी शायरी को अदबी शायरी के निकट ला दिया।
ISBN10-8128806424