₹425.00 Original price was: ₹425.00.₹424.00Current price is: ₹424.00.
पुस्तक संभोग से समाधि की और में, ओशो ने पाठक को संभोग और गर्भाधान के समय से लेकर मृत्यु तक मनुष्य की आध्यात्मिक यात्रा के बारे में बताया। … संभोग से समाधि की और में, वह यह भी बताते हैं कि कितने लोग काम से नहीं बच सकते हैं और लोगों को इससे नहीं लड़ना चाहिए, क्योंकि यह जीवन की सहायक संरचना है।पुस्तक संभोग से समाधि की और में, ओशो ने पाठक को संभोग और गर्भाधान के समय से लेकर मृत्यु तक मनुष्य की आध्यात्मिक यात्रा के बारे में बताया। अपने अमूल्य संग्रह में ओशो व्यक्ति के जीवन के विविध विषयों पर पांच प्रवचन देते हैं।
संभोग से समाधि की और में, वह यह भी बताते हैं कि कितने लोग काम से नहीं बच सकते हैं और लोगों को इससे नहीं लड़ना चाहिए, क्योंकि यह जीवन की सहायक संरचना है। वह उन पापों के बारे में भी विस्तार से बताता है जिन्हें लोग अक्सर महसूस नहीं करते हैं कि भगवान पापों के बारे में सोचते हैं।
ओशो एक उच्च कोटि के वक्ता थे। उनका बोलने पर इतना आत्मविश्वास था की एक बार जो बोल दिया सो बोला दिया वही आखिरी होगा।
ओशो ने लगभग-लगभग हर एक विषय पर बात/प्रवचन दिए हैं। यदि साहित्यिक लेखिकी को छोड़ दें तो भारत में सबसे ज्यादा किताबें ओशो की बिकती हैं। ओशो सेक्सुअलिटी पर खुले रूप से बातें किया करते थे और वो सेक्स को लेकर बड़े स्वतंत्र होकर बातें किया करते थे ।
ओशो एक बहुत ही गजब के तर्क शास्त्री थे। वह किसी भी बात को सही और गलत साबित करने के पूरी क्षमता रखते थे।
ओशो बचपन से ही लक्सरी लाइफ जीने के आदि रहे थे।
ओशो को अमीरों का गुरु कहा जाता है और खुद भी उन्होंने अपने इंटरव्यूज मे बार-बार जिक्र किया है की वो अमीरों के गुरु हैं। आपको पता है ओशो के पास 90 रॉयल्स रोल्स कारें थीं।
ओशो की म्रत्यु आज भी रहस्य है। कहा तो ये भी जाता है की उन्हीं के करीबी शिष्यों ने उनकी हत्या को अंजाम दिया था।
इसके सबूत भी मिलते हैं क्योंकि उनकी हत्या शिष्यों के बीच हुई और उन्होंने कहा कि गुरु जी ने देह त्याग दी।
मशहूर दर्शनशास्त्री और आध्यात्मिक गुरु ओशो ने अपने प्रवचन में जीवन की हर मुश्किलों से निपटने का रास्ता बताया है। वो अक्सर कहा करते थे कि मनुष्य के जीवन में प्रेम से कीमती कोई वस्तु नहीं है। ओशो यह भी कहते थे कि जो मनुष्य पैसे कमाने के लिए यत्न नहीं करता, उसका जीवन निरर्थक है क्योंकि धन जीवन को चलाने का एक महत्वपूर्ण जरिया है। ओशो कहते थे कि जो कौम बिना कुछ किए बिना पैसे कमाना चाहती है, वो कौम खतरनाक है। ओशो कहा करते थे कि जो आदमी एक रुपए लगाकर बिना कुछ किए एक लाख पाने की चाहत रखता है वो एक अपराधी के समान है। ओशो का कहना था कि धन की चाह जरूर रखनी चाहिए लेकिन उसके लिए व्यक्ति का सृजनात्मक होना बेहद जरूरी है। ओशो के अनुसार, एक सभ्य समाज के लिए धन की बहुत ज़्यादा आश्यकता है। इससे सभ्यता को आगे बढ़ने का मौका मिलता है अन्यथा हम भी जंगलों में भटकते रहते। ओशो कहते हैं कि धन मनुष्य के जीवन में सब कुछ नहीं है लेकिन इसके माध्यम से हम जीवन में सब कुछ खरीद सकते हैं। धन कमाने के लिए सबसे अच्छा जरिया है कि हम एक लक्ष्य तय कर लें और सही तरीके से धन को कमाना अपना ध्येय बना लें। ओशो कहते हैं कि जो व्यक्ति धन को फिजूल बताता है और उसकी निन्दा करता है, उसके अंदर धन कमाने की आकांक्षा समाप्त हो जाती है और वो सफलता पाने से चुक जाता है।
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
ओशो के विचार आज भी कई लोगों के लिए प्रासंगिक हैं। उनका दृष्टिकोण यौन ऊर्जा और ध्यान के संयोजन के बारे में आधुनिक समाज में जागरूकता बढ़ाता है। हालांकि, यह विचार पारंपरिक धारणाओं से भिन्न हैं, इसलिए इसे स्वीकार करने का तरीका व्यक्ति की मानसिकता और समझ पर निर्भर करता है।
यह पुस्तक जीवन में बदलाव लाने का एक मार्गदर्शन प्रदान करती है। ओशो के विचारों को समझने और आत्मसात करने से व्यक्ति अपने जीवन में आध्यात्मिक जागरूकता और शांति प्राप्त कर सकता है। हालांकि, इसे समझने के लिए मानसिकता और इच्छाशक्ति का होना आवश्यक है।
ओशो के सिद्धांत उन लोगों के लिए अधिक लागू हो सकते हैं जो आध्यात्मिकता में रुचि रखते हैं और अपने जीवन में शांति, संतुलन और जागरूकता चाहते हैं। यह पुस्तक विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो अपने शारीरिक और मानसिक अनुभवों को ध्यान और आत्मसाक्षात्कार के रूप में देखना चाहते हैं।
ओशो के अनुसार, संभोग और समाधि का अनुभव एक ही समय में हो सकता है, यदि व्यक्ति पूरी तरह से जागरूक और उपस्थित होता है। ओशो इसे एक साथ होने वाली घटनाओं के रूप में प्रस्तुत करते हैं, जिसमें शारीरिक और मानसिक अनुभव एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और व्यक्ति को गहरे ध्यान और शांति का अनुभव होता है।
ओशो के विचारों को समझने के लिए व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक रूप से तैयार होना चाहिए। हालांकि पुस्तक को सामान्य व्यक्ति भी समझ सकता है, लेकिन ओशो के विचार अक्सर विचारशील और ध्यानपूर्ण होते हैं, और पूरी तरह से समझने के लिए गहरी सोच की आवश्यकता होती है।
Weight | 400 g |
---|---|
Dimensions | 21.59 × 13.97 × 2.61 cm |
Author | Osho |
ISBN | 8171822126 |
Pages | 296 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171822126 |
संभोग से समाधि की ओर
—ओशो
ISBN10-8171822126
Business and Management, Religions & Philosophy
Business and Management, Religions & Philosophy
Books, Diamond Books, Mind & Body
Self Help, Books, Diamond Books