Sarpanch
सरपंच
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सरपंचः स्वतंत्रता प्राप्ति पश्चात् के प्रगतिशील भारत की ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित उपन्यास है। जहां भारत के अन्य गांवों की तरह ही रूढ़िवादिता, अंधविश्वास, जातिवाद, निरक्षरता और उच्च व धनाढ़य वर्ग द्वारा शोषित, निम्न वर्ग की समस्याएं है। गांववासी अपने मताधिकार से अनभिज्ञ है, जिसका फायदा उच्च वर्ग द्वारा हमेशा से उठाया जाता रहा है।
ऐसे में निम्न वर्ग के एक युवक का अपनी प्रगति व पुरातन व्यवस्थाओं को बदलने का संघर्ष है। लेखक ने उत्तर भारतीय परिवेश का जीवंत चित्रण किया है। प्रेम, संवेदनाओं, साज़्िाशों, राजनैतिक चालों और विद्रोह से पूर्ण इस कहानी में सिनेमा जैसी रोमांच और गति है।
विधवा की श्वेत—क्रांतिः
उपेक्षित उत्तर भारत के एक गांव के दो वर्गो के बीच की प्रतिद्वंदिता की कहानी है। दो वर्गो की इस प्रतिद्वंदिता व बीच की खाई को पाटने के प्रयास में अपनी जान गंवाने वाले एक निम्न वर्ग के युवक की विधवा के दृढ़निश्चय का यह एक दिलचस्प दास्तान है।
अपने पति को खोने के पश्चात् एक उपेक्षित विधवा स्त्री का अकेले, अपने पति के अधूरे सपनों व उद्देश्यों को पूरा करने के साथ स्वयं के अस्तित्व को बचाने व समाज में एक सामाजिक चेतना, जागरूकता, समानता एवं प्रगति के लिए किए गए संघर्ष की यह अकल्पनीय गाथा है।
अमिताभ कुमार पेशे से रेलवे अधिकारी है। उन्होंने ट्टब्लडी मेरिट स्कॉलर्स’ ट्टऑपरेशन लॉग आउट’, ट्टमहन्त—द गॉडफादर’ आदि उपन्यास लिखे हैं। लेखक समाज के अंतिम व्यक्ति की व्यथा को अपनी बेबाक श्ौली से दर्शाने के लिए जाने जाते हैं। इस पुस्तक में उन्होंने सन् साठ के दशक में पूर्वी भारत के ग्रामीण समाज को दर्शाया है। उस काल में लोग अनेक अभावों में रहते हुए भी अपनी स्थिति में प्रसन्न रहते थे। सामाजिक और राजनैतिक परिवर्तन के इस दौर में, समाज का एक उपेक्षित व्यक्ति संघर्ष करके लोगों का नेतृत्व करता है और उनकी रूढ़िवादी बाधाओं को पार करके समाज की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास करता है।
Additional information
Author | Amitabh Kumar |
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ISBN | 9789351655077 |
Pages | 32 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9351655075 |