Hanso Aur Mar Jaao
हंसो और मर जाओ
₹150.00
हंसों, तो
बच्चों जैसी हंसी,
हंसो तो
सच्चों जैसी हंसी।
इतना हंसो
कि तर जाओ,
हंसों
और मर जाओ।
इसी पुस्तक से
जिसके लेखक अशोक चक्रधन ने हास्य से सराबोर काव्य साहित्य अपने पाठकों के लिए परोसा है।
ISBN10-8171829627
Additional information
Author | Ashok Chakradhar |
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ISBN | 8171829627 |
Pages | 160 |
Format | Paper Back |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171829627 |
SKU
9788171829620
Categories Humorous Poetry, Humour