हितोपदेश की प्रेरक कहानियाॅ
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हितोपदेश हजारों वर्ष पहले नारायण पंडित द्वारा लिखी गई असाधारण कहानियों का संग्रह है नैतिकता और ज्ञान के अमूल्य भण्डार को समेटती इन कहानियों को पंचतंत्र की कहानियों के समक्ष रखा जा सकता है। हितोपदेश की कहानियों में पशु-पक्षियों को मुख्य पात्र के रूप में प्रस्तुत किया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हितोपदेश शब्द दो शब्दों हित और उपदेश से मिलकर बना है। हित का अर्थ कल्याण या लाभ करना होता है और उपदेश का अर्थ सलाह या परामर्श देने से है। इस प्रकार हितोपदेश उपदेश या परामर्श देने वाली ऐसी कहानियों का संकलन है, जो सभी के लिए लाभदायक और कल्याण करने वाली हंै। हितोपदेश सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पुस्तकों में से एक है। वर्तमान विश्व में भी अपने साधारण शब्दों और अर्थपूर्ण कहानियों की वजह से यह लोगों के लिए रुचिकर कहानियों के संकलन में से कुछ मनोरंजक कहानियों को प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा है हमारे युवा पाठक इन कहानियों को पढ़कर प्रसन्नता का अनुभव करेंगे।
Additional information
Author | Pratibha Kasturiya |
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ISBN | 9788128828706 |
Pages | 160 |
Format | Paper Back |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128828703 |
हितोपदेश हजारों वर्ष पहले नारायण पंडित द्वारा लिखी गई असाधारण कहानियों का संग्रह है नैतिकता और ज्ञान के अमूल्य भण्डार को समेटती इन कहानियों को पंचतंत्र की कहानियों के समक्ष रखा जा सकता है। हितोपदेश की कहानियों में पशु-पक्षियों को मुख्य पात्र के रूप में प्रस्तुत किया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हितोपदेश शब्द दो शब्दों हित और उपदेश से मिलकर बना है। हित का अर्थ कल्याण या लाभ करना होता है और उपदेश का अर्थ सलाह या परामर्श देने से है। इस प्रकार हितोपदेश उपदेश या परामर्श देने वाली ऐसी कहानियों का संकलन है, जो सभी के लिए लाभदायक और कल्याण करने वाली हंै। हितोपदेश सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पुस्तकों में से एक है। वर्तमान विश्व में भी अपने साधारण शब्दों और अर्थपूर्ण कहानियों की वजह से यह लोगों के लिए रुचिकर कहानियों के संकलन में से कुछ मनोरंजक कहानियों को प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा है हमारे युवा पाठक इन कहानियों को पढ़कर प्रसन्नता का अनुभव करेंगे।
ISBN10-8128828703