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हिन्दी सिनेमा का अतीत से वर्तमान का यह सुहाना सफर जीवन की विभिन्न संवेदनाओं और समस्याओं को अपने में समेटे पूरे भारतीय सिनेमा का जीवंत दस्तावेज है। सिनेमा का कोई भी दौर रहा हो हिंदी सिनेमा ने नया रास्ता दिखाया और सृजनात्मकता के नए द्वार खोले।
Author | Ganga Prasad Sharma |
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ISBN | 812880717X |
Pages | 96 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Fusion Books |
ISBN 10 | 812880717X |
हिन्दी सिनेमा का अतीत से वर्तमान का यह सुहाना सफर जीवन की विभिन्न संवेदनाओं और समस्याओं को अपने में समेटे पूरे भारतीय सिनेमा का जीवंत दस्तावेज है। सिनेमा का कोई भी दौर रहा हो हिंदी सिनेमा ने नया रास्ता दिखाया और सृजनात्मकता के नए द्वार खोले। भारत में पहली बार सिनेमा का प्रदर्शन बंबई (अब मुंबई के वाटसन होटल में 7 जुलाई, 1896 को हुआ। उसके बाद दादा साहब फाल्के ने पहली भारतीय मूक फिल्म बनाई। पहली बोलती फिल्म ‘आलमआरा’ का प्रदर्शन 14 मार्च 1913 को हुई, जो हिंदी सिनेमा जगत् में मील का पत्थर साबित हुआ। इसके पश्चात् हिंदी सिनेमा ने कई उतार-चढ़ाव देखे। आज भी प्रतिवर्ष 100 से अधिक फिल्में बनती हैं। हिंदी को जन-जन की भाषा बनाने में हिंदी सिनेमा का अनूठा योगदान रहा है। प्रस्तुत पुस्तक ‘हिंदी सिनेमा का सुहाना सफर’ हिंदी सिनेमा के उतार-चढ़ाव को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास है।
ISBN10-812880717X
Language & Literature, History & Politics