“इला कुमार भारत की कवि, उपन्यासकार, अनुवादक, उपनिषदवेत्ता एवं विचारक हैं। उन्होंने चार काव्य-संग्रह (1970-2004) और एक उपन्यास की रचना की है। साथ ही इन्होंने विश्व विख्यात जर्मन कवि रेनये मारिया रिल्के की कविताओं और चीनी दार्शनिक लाओत्शु की सूक्तियों का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया है। इन्होंने छान्दोग्य उपनिषद की कहानियों का पुनर्लेखन भी किया है। इला कुमार की कविताएं अनेक भारतीय भाषाओं बंगला, पंजाबी, उड़िया आदि में अनुवादित हुई हैं। कुछ कविताओं का अनुवाद जापानी भाषा में भी हुआ है। इनका प्रसिद्ध काव्य-संग्रह ‘जिद मछली की’ अंग्रेजी में ‘रिजोलुशन ऑफ फिश’ के नाम से अनुवादित हुई है। इनके अनेक लेख, कहानियां, कविताएं नियमित तौर पर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पत्रा-पत्रिकाओं एवं ई-मैगजीन में प्रकाशित होती रहती हैं। इला कुमार का जन्म 1 मार्च 1956 को उत्तर बिहार के मुज़फ्फरपुर शहर में हुआ था, इनके पिता उत्तर बिहार के नामी वकील थे। इला कुमार ने बी.एस.सी (आनर्स) एवं एम.एस.सी. (फिजिक्स) की पढ़ाई बिहार विश्वविद्यालय से की। कई वर्षों बाद इन्होने कानून की स्नातक डिग्री नागपुर विश्वविद्यालय से ली। बीच के वर्षों में इन्होंने बी.एड.भी किया। इला कुमार ने अपनी पहली कविता तेरह (13) वर्ष की उम्र में लिखी थी। तब से लेकर ये लगातार लेखन में सक्रिय रही हैं, हालांकि इनकी रचनायें सहज कविगत संकोच के कारण शादी के बाद बहुत देर से प्रकाशित हुईं। इनकी शादी श्री मृत्युजय कुमार (जो भारतीय रेलवे में बतौर इंजीनियर कार्यरत रहे) से 1977 में हुई और पति के तबादलों के कारण इन्होंने पूरे भारत का भ्रमण किया और भारतीयता को समझा। इला कुमार का काव्य संग्रह पहली बार 1995 में प्रकाशित हुआ, लेकिन सही मायनों में जो पहले काव्य संग्रह (1968-70) की कविताएं हैं वे अभी तक अप्रकाशित ही हैं। उनकी रचनाएं बहुमुखी आयामों में फैली हुई हैं लेकिन सभी के बीच जो एक सूत्रात्व है वह है द्रष्टा भाव से हर संवेगित तथ्य को निहारने वाले तत्व का, जो आत्म को निरूपित करता चलता है।”
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“इला कुमार भारत की कवि, उपन्यासकार, अनुवादक, उपनिषदवेत्ता एवं विचारक हैं। उन्होंने चार काव्य-संग्रह (1970-2004) और एक उपन्यास की रचना की है। साथ ही इन्होंने विश्व विख्यात जर्मन कवि रेनये मारिया रिल्के की कविताओं और चीनी दार्शनिक लाओत्शु की सूक्तियों का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया है। इन्होंने छान्दोग्य उपनिषद की कहानियों का पुनर्लेखन भी किया है। इला कुमार की कविताएं अनेक भारतीय भाषाओं बंगला, पंजाबी, उड़िया आदि में अनुवादित हुई हैं। कुछ कविताओं का अनुवाद जापानी भाषा में भी हुआ है। इनका प्रसिद्ध काव्य-संग्रह ‘जिद मछली की’ अंग्रेजी में ‘रिजोलुशन ऑफ फिश’ के नाम से अनुवादित हुई है। इनके अनेक लेख, कहानियां, कविताएं नियमित तौर पर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पत्रा-पत्रिकाओं एवं ई-मैगजीन में प्रकाशित होती रहती हैं। इला कुमार का जन्म 1 मार्च 1956 को उत्तर बिहार के मुज़फ्फरपुर शहर में हुआ था, इनके पिता उत्तर बिहार के नामी वकील थे। इला कुमार ने बी.एस.सी (आनर्स) एवं एम.एस.सी. (फिजिक्स) की पढ़ाई बिहार विश्वविद्यालय से की। कई वर्षों बाद इन्होने कानून की स्नातक डिग्री नागपुर विश्वविद्यालय से ली। बीच के वर्षों में इन्होंने बी.एड.भी किया। इला कुमार ने अपनी पहली कविता तेरह (13) वर्ष की उम्र में लिखी थी। तब से लेकर ये लगातार लेखन में सक्रिय रही हैं, हालांकि इनकी रचनायें सहज कविगत संकोच के कारण शादी के बाद बहुत देर से प्रकाशित हुईं। “
ISBN10-9350838516
Additional information
Author | ila Kumar |
---|---|
ISBN | 9789350838518 |
Pages | 98 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Publication |
ISBN 10 | 9350838516 |
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