यह किताब अलख जगाने और लौ लगाने की एक पहल है ! ऐसे समाज में जहाँ बदलाव की बातें तो हर मंच और हर सभागार में होती हैं, मगर बदलाव के लिए हकीकत की जमीन पर एक भी कदम बमुश्किल ही रखा जाता है, विभा चुघ के द्वारा ‘सखा- एक पहल’ नाम से की गई शुरुआत अपने आप में न सिर्फ अहम है बल्कि प्रेरक भी साबित हुई है विभा की इस यात्रा ने उनके अन्दर तो पशु प्रेम और सहजीवन जैसी सकारात्मक धारणाएं विकसित की हीं, उनके साथ काम करने वाली ग्रामीण महिलाओं का जीवन भी संवार दिया हौसले की उड़ान के इस सफर के पन्नों को पलटते हुए पाठकों को ऐसे सूत्र मिलेंगे जो उनकी सोच और नजरिए के दायरे को बढाते हुए उन्हें नई प्रेरणा और नए उत्साह से भर देंगे!
About the Author
सारा वर्मा स्टेप बाय स्टेप स्कूल (नई दिल्ली) की अद्भुत और कुशल छात्रा हैं। जिनकी साइकोलॉजी में गहरी रूचि है। साथ ही वे सामाजिक प्रभाव के जुनून में एक महत्वाकांक्षी चेंजमेकर हैं। कुशल नेतृत्व दिखाते हुए सारा ने स्थानीय समुदायों में मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए अभियान पर ध्यान केंद्रित किया। सामाजिक मुद्दों के लिए एक समर्पित अधिवक्ता के तोर पर महिलाओं को सशक्त बनाने और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए उन्होंने गैर-लाभकारी संगठन (NGO) जैसे, एक पहल’ के साथ बड़े पैमाने पर काम किया है। इसके अलावा सारा ने डांस, फोटोग्राफी और आर्ट में कई अचीवमेंट्स हासिल की हैं, जो उनकी प्रतिभाओं को दर्शाती हैं। सारा प्रभावशाली अकादमिक रिकॉर्ड, नीति आयोग और नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया के साथ इंटर्नशिप सहित कई अनुभवों के साथ अपनी पढ़ाई के लिए चुने हुए क्षेत्र में सार्थक योगदान देने के लिए तैयार हैं। एक मेन्टल फिटनेस अम्बेसडर और विभिन्न स्कूल क्लब के लीडर के रूप में सारा लचीलेपन, सहानुभूति और सकारात्मक बदलाव की निरंतर खोज का उदाहरण हैं।