18 वर्ष की लड़की

60.00

शादी के बाद हम लोग सात दिन शिमला में थे। हंसी-मजाक, प्यार भरी बातें, दुनिया जहान की गप्पें और गाना- वह सात दिन बड़े आनंद से बीत गए। मैंने तो सपने में भी कभी नहीं सोचा था कि कोई इंसान शादी के बाद इतना खुश हो सकता है। दिल्ली वापस आने के तीन दिन बाद ही रात को सोते समय मैंने देखा, दुर्बा का बदन गर्म है। अगले दिन सुबह देखा १०१ डिग्री बुखार दवाई से भी बुखार नहीं उतरा। खून की जांच हुई। प्रोफेसर रंगराजन रिपोर्ट लेने गए थे। क्या पता चला? एक्यूट ल्यूकोमिया। मेरी सब हंसी, सुख, शांति, आनंद मेरे सभी सपने, आज रात को आठ बजे निगमबोध घाट पर जलकर राख हो गए।

Additional information

Author

Nimai Bhattacharya

ISBN

8128815725

Pages

528

Format

Paper Back

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128815725

शादी के बाद हम लोग सात दिन शिमला में थे। हंसी-मजाक, प्यार भरी बातें, दुनिया जहान की गप्पें और गाना- वह सात दिन बड़े आनंद से बीत गए। मैंने तो सपने में भी कभी नहीं सोचा था कि कोई इंसान शादी के बाद इतना खुश हो सकता है। दिल्ली वापस आने के तीन दिन बाद ही रात को सोते समय मैंने देखा, दुर्बा का बदन गर्म है। अगले दिन सुबह देखा १०१ डिग्री बुखार दवाई से भी बुखार नहीं उतरा। खून की जांच हुई। प्रोफेसर रंगराजन रिपोर्ट लेने गए थे। क्या पता चला? एक्यूट ल्यूकोमिया। मेरी सब हंसी, सुख, शांति, आनंद मेरे सभी सपने, आज रात को आठ बजे निगमबोध घाट पर जलकर राख हो गए।

ISBN10-8128815725

SKU 9788128815720 Categories , Tags ,