21 Shreshth Bundeli Lok Kathayein : Madhya Pradesh (21 श्रेष्ठ बुंदेली लोक कथाएं : मध्य प्रदेश)
₹150.00
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- Book Details
भारत एक विशाल देश है, जिसमें अनेकों सभ्यताओं, परंपराओं का समावेश है। विभिन्न राज्यों के पर्व-त्योहार, रहन-सहन का ढंग, शैक्षिक अवस्था, वर्तमान और भविष्य का चिंतन, भोजन की विधियां, सांस्कृतिक विकास, मुहावरे, पोशाक और उत्सव इत्यादि की जानकारी कथा-कहानी के माध्यम से भी मिलती है। भारत के सभी प्रदेशों के निवासी साहित्य के माध्यम से एक-दूसरे को जानें, समझें और प्रभावित हो सके, ऐसा साहित्य उपलब्ध करवाना हमारा प्रमुख उद्देश्य है।
भारत की आजादी के 75 वर्ष (अमृत महोत्सव ) पूर्ण होने पर डायमंड बुक्स द्वारा ‘भारत कथा माला’ का अद्भुत प्रकाशन।
About the Author
आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’।
जन्म: 20.08.1952, मंडला, मध्य प्रदेश।
आत्मज: स्व. शांति देवी – स्व. राज बहादुर वर्मा।
प्रेरणास्रोत: बुआश्री महीयसी महादेवी वर्मा।
शिक्षा: त्रिवर्षीय डिप्लोमा सिविल अभियांत्रिकी, बी.ई., एम.आई.ई., विशारद, एम.ए. (अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र), एल.एल. बी., डिप्लोमा पत्रकारिता, डी.सी.ए.।
संप्रति: पूर्व कार्यपालक अधिकारी लोक निर्माण विभाग म.प्र., अधिवक्ता म. प्र. उच्च न्यायालय, सभापति विश्ववाणी हिंदी संस्थान जबलपुर, संस्थापक सूत्रधार विश्ववाणी हिंदी संस्थान जबलपुर, सभापति अभियान जबलपुर, अध्यक्ष इंजीनियर्स फोरम (इंडिया), चेयरमैन इंडियन जिओटेक्नीकल सोसायटी जबलपुर चैप्टर, पूर्व वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष/महामंत्री राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद, पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, संरक्षक राजकुमारी बाई बाल निकेतन जबलपुर।
प्रकाशित कृतियाँ:
1. कलम के देव (भक्ति गीत संग्रह 1997)।
2. भूकंप के साथ जीना सीखें, जनोपयोगी तकनीकी 1997
3. लोकतंत्र का मकबरा (कविताएँ 2001)।
4. सौरभः (संस्कृत श्लोक – हिंदी दोहानुवाद) 2002।
5. मीत मेरे (कविताएँ 2002)।
6. काल है संक्रांति का, गीत-नवगीत संग्रह
Additional information
Author | Acharya Sanjeev Varma 'Salil' |
---|---|
ISBN | 9789354867637 |
Pages | 176 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | |
ISBN 10 | 9354867634 |
भारत एक विशाल देश है, जिसमें अनेकों सभ्यताओं, परंपराओं का समावेश है। विभिन्न राज्यों के पर्व-त्योहार, रहन-सहन का ढंग, शैक्षिक अवस्था, वर्तमान और भविष्य का चिंतन, भोजन की विधियां, सांस्कृतिक विकास, मुहावरे, पोशाक और उत्सव इत्यादि की जानकारी कथा-कहानी के माध्यम से भी मिलती है। भारत के सभी प्रदेशों के निवासी साहित्य के माध्यम से एक-दूसरे को जानें, समझें और प्रभावित हो सके, ऐसा साहित्य उपलब्ध करवाना हमारा प्रमुख उद्देश्य है।
भारत की आजादी के 75 वर्ष (अमृत महोत्सव ) पूर्ण होने पर डायमंड बुक्स द्वारा ‘भारत कथा माला’ का अद्भुत प्रकाशन।
About the Author
आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’।
जन्म: 20.08.1952, मंडला, मध्य प्रदेश।
आत्मज: स्व. शांति देवी – स्व. राज बहादुर वर्मा।
प्रेरणास्रोत: बुआश्री महीयसी महादेवी वर्मा।
शिक्षा: त्रिवर्षीय डिप्लोमा सिविल अभियांत्रिकी, बी.ई., एम.आई.ई., विशारद, एम.ए. (अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र), एल.एल. बी., डिप्लोमा पत्रकारिता, डी.सी.ए.।
संप्रति: पूर्व कार्यपालक अधिकारी लोक निर्माण विभाग म.प्र., अधिवक्ता म. प्र. उच्च न्यायालय, सभापति विश्ववाणी हिंदी संस्थान जबलपुर, संस्थापक सूत्रधार विश्ववाणी हिंदी संस्थान जबलपुर, सभापति अभियान जबलपुर, अध्यक्ष इंजीनियर्स फोरम (इंडिया), चेयरमैन इंडियन जिओटेक्नीकल सोसायटी जबलपुर चैप्टर, पूर्व वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष/महामंत्री राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद, पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, संरक्षक राजकुमारी बाई बाल निकेतन जबलपुर।
प्रकाशित कृतियाँ:
1. कलम के देव (भक्ति गीत संग्रह 1997)।
2. भूकंप के साथ जीना सीखें, जनोपयोगी तकनीकी 1997
3. लोकतंत्र का मकबरा (कविताएँ 2001)।
4. सौरभः (संस्कृत श्लोक – हिंदी दोहानुवाद) 2002।
5. मीत मेरे (कविताएँ 2002)।
6. काल है संक्रांति का, गीत-नवगीत संग्रह
ISBN10-9354867634
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