21 Shreshth Lok Kathayein : Himachal Pradesh (21 श्रेष्ठ लोक कथाएं : हिमाचल प्रदेश)

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भारत एक विशाल देश है, जिसमें अनेकों सभ्यताओं, परंपराओं का समावेश है। विभिन्न राज्यों के पर्व-त्योहार, रहन-सहन का ढंग, शैक्षिक अवस्था, वर्तमान और भविष्य का चिंतन, भोजन की विधियां, सांस्कृतिक विकास, मुहावरे, पोशाक और उत्सव इत्यादि की जानकारी कथा-कहानी के माध्यम से भी मिलती है। भारत के सभी प्रदेशों के निवासी साहित्य के माध्यम से एक-दूसरे को जानें, समझें और प्रभावित हो सके, ऐसा साहित्य उपलब्ध करवाना हमारा प्रमुख उद्देश्य है।
भारत की आजादी के 75 वर्ष (अमृत महोत्सव ) पूर्ण होने पर डायमंड बुक्स द्वारा ‘भारत कथा माला’ का अद्भुत प्रकाशन।

 

About the Author

बड़ों के साहित्य के साथ बाल साहित्य लेखन में सक्रीय कृष्ण चंद्र महादेविया का जन्म जिला मंडी के महादेव गांव में 23 जून, 1960 को हुआ है। बाल साहित्य में महादेविया जी बाल कहानियां रचते हैं। इनकी रचनाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति सचेत करती हैं। इनका एक लोककथा संग्रह ‘हिमाचली लोक साहित्य में लोक लघुकथाएं’ प्रकाशित है जो हिंदी और मंडयाली बोली में है। इन लोककथाओं में उस मुश्किल वक्त की परछाइयां, उस दौर के सामाजिक परिवेश का चित्रण, उस दौर का खरा, पक्का अनुभव, स्मृतियों की मिठास, आज की चकाचौंध भरी दुनिया से कोसों दूर, धैर्यपूर्वक संतुष्टि से चलने वाली दिनचर्या, गीत, संगीत और ढेर सारा मनोरंजन है।
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21 Shreshth Lok Kathayein : Himachal Pradesh (21 श्रेष्ठ लोक कथाएं : हिमाचल प्रदेश)
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भारत एक विशाल देश है, जिसमें अनेकों सभ्यताओं, परंपराओं का समावेश है। विभिन्न राज्यों के पर्व-त्योहार, रहन-सहन का ढंग, शैक्षिक अवस्था, वर्तमान और भविष्य का चिंतन, भोजन की विधियां, सांस्कृतिक विकास, मुहावरे, पोशाक और उत्सव इत्यादि की जानकारी कथा-कहानी के माध्यम से भी मिलती है। भारत के सभी प्रदेशों के निवासी साहित्य के माध्यम से एक-दूसरे को जानें, समझें और प्रभावित हो सके, ऐसा साहित्य उपलब्ध करवाना हमारा प्रमुख उद्देश्य है।
भारत की आजादी के 75 वर्ष (अमृत महोत्सव ) पूर्ण होने पर डायमंड बुक्स द्वारा ‘भारत कथा माला’ का अद्भुत प्रकाशन।

 

About the Author

बड़ों के साहित्य के साथ बाल साहित्य लेखन में सक्रीय कृष्ण चंद्र महादेविया का जन्म जिला मंडी के महादेव गांव में 23 जून, 1960 को हुआ है। बाल साहित्य में महादेविया जी बाल कहानियां रचते हैं। इनकी रचनाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति सचेत करती हैं। इनका एक लोककथा संग्रह ‘हिमाचली लोक साहित्य में लोक लघुकथाएं’ प्रकाशित है जो हिंदी और मंडयाली बोली में है। इन लोककथाओं में उस मुश्किल वक्त की परछाइयां, उस दौर के सामाजिक परिवेश का चित्रण, उस दौर का खरा, पक्का अनुभव, स्मृतियों की मिठास, आज की चकाचौंध भरी दुनिया से कोसों दूर, धैर्यपूर्वक संतुष्टि से चलने वाली दिनचर्या, गीत, संगीत और ढेर सारा मनोरंजन है।

Additional information

Author

Krishna Chandra Mahadeviya

ISBN

9789354869099

Pages

124

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9354869092

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ISBN 10

9354869092