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21 Shreshth Lok Kathayein : Jharkhand (21 श्रेष्ठ लोक कथाएं : झारखण्ड)

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भारत एक विशाल देश है, जिसमें अनेकों सभ्यताओं, परंपराओं का समावेश है। विभिन्न राज्यों के पर्व-त्योहार, रहन-सहन का ढंग, शैक्षिक अवस्था, वर्तमान और भविष्य का चिंतन, भोजन की विधियां, सांस्कृतिक विकास, मुहावरे, पोशाक और उत्सव इत्यादि की जानकारी कथा-कहानी के माध्यम से भी मिलती है। भारत के सभी प्रदेशों के निवासी साहित्य के माध्यम से एक-दूसरे को जानें, समझें और प्रभावित हो सके, ऐसा साहित्य उपलब्ध करवाना हमारा प्रमुख उद्देश्य है।
भारत की आजादी के 75 वर्ष (अमृत महोत्सव ) पूर्ण होने पर डायमंड बुक्स द्वारा ‘भारत कथा माला’ का अद्भुत प्रकाशन।

About the Author

डॉ. नीलोत्पल रमेश

(मूल नाम – रमेश प्रसाद सिंह)

न्म 7 फरवरी, 1965 ई. बिहार के भोजपुर जनपद के दुलारपुर गाँव में।

शिक्षा – एम. ए. (हिंदी), बी. एड., पी-एच, .डी.।

शोधकार्य – 

1. हिंदी के विकास में शाहाबाद जनपद का योगदान।
2. हिंदी के विकास में आरा नागरी प्रचारिणी सभा का योगदान।
प्रकाशन – ‘मेरे गाँव का पोखरा’ (कविता-संग्रह), ‘कसौटी के दायरे में। (आलोचना), ‘शाल वन की धरा से’,’कसौटी पर कविताएं’, ‘बारूद की फसलें’ (संपादित साझा संग्रह)।
हिंदी की दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं, समीक्षाएं और कहानियां प्रकाशित। आकाशवाणी, रांची से कविताओं और कहानियों का प्रसारण।

संप्रति – ओ.पी. जिंदल स्कूल, पतरातू, रामगढ़ (झारखंड) में शिक्षक के पद पर कार्यरत।

ISBN10-9354869173

भारत एक विशाल देश है, जिसमें अनेकों सभ्यताओं, परंपराओं का समावेश है। विभिन्न राज्यों के पर्व-त्योहार, रहन-सहन का ढंग, शैक्षिक अवस्था, वर्तमान और भविष्य का चिंतन, भोजन की विधियां, सांस्कृतिक विकास, मुहावरे, पोशाक और उत्सव इत्यादि की जानकारी कथा-कहानी के माध्यम से भी मिलती है। भारत के सभी प्रदेशों के निवासी साहित्य के माध्यम से एक-दूसरे को जानें, समझें और प्रभावित हो सके, ऐसा साहित्य उपलब्ध करवाना हमारा प्रमुख उद्देश्य है।
भारत की आजादी के 75 वर्ष (अमृत महोत्सव ) पूर्ण होने पर डायमंड बुक्स द्वारा ‘भारत कथा माला’ का अद्भुत प्रकाशन।

 

About the Author

डॉ. नीलोत्पल रमेश

(मूल नाम – रमेश प्रसाद सिंह)

न्म 7 फरवरी, 1965 ई. बिहार के भोजपुर जनपद के दुलारपुर गाँव में।

शिक्षा – एम. ए. (हिंदी), बी. एड., पी-एच, .डी.।

शोधकार्य – 

1. हिंदी के विकास में शाहाबाद जनपद का योगदान।
2. हिंदी के विकास में आरा नागरी प्रचारिणी सभा का योगदान।
प्रकाशन – ‘मेरे गाँव का पोखरा’ (कविता-संग्रह), ‘कसौटी के दायरे में। (आलोचना), ‘शाल वन की धरा से’,’कसौटी पर कविताएं’, ‘बारूद की फसलें’ (संपादित साझा संग्रह)।
हिंदी की दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं, समीक्षाएं और कहानियां प्रकाशित। आकाशवाणी, रांची से कविताओं और कहानियों का प्रसारण।

संप्रति – ओ.पी. जिंदल स्कूल, पतरातू, रामगढ़ (झारखंड) में शिक्षक के पद पर कार्यरत।

Additional information

Author

Dr. Nilotpal Ramesh

ISBN

9789354869174

Pages

48

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9354869173

Flipkart

https://www.flipkart.com/21-shreshth-lok-kathayein-jharkhand/p/itm1ed576c598972?pid=9789354869174

ISBN 10

9354869173

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