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21 Shreshth Lok Kathayein : Karnataka (21 श्रेष्ठ लोक कथाएं : कर्नाटक)

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भारत एक विशाल देश है, जिसमें अनेकों सभ्यताओं, परंपराओं का समावेश है। विभिन्न राज्यों के पर्व-त्योहार, रहन-सहन का ढंग, शैक्षिक अवस्था, वर्तमान और भविष्य का चिंतन, भोजन की विधियां, सांस्कृतिक विकास, मुहावरे, पोशाक और उत्सव इत्यादि की जानकारी कथा-कहानी के माध्यम से भी मिलती है। भारत के सभी प्रदेशों के निवासी साहित्य के माध्यम से एक-दूसरे को जानें, समझें और प्रभावित हो सके, ऐसा साहित्य उपलब्ध करवाना हमारा प्रमुख उद्देश्य है।
भारत की आजादी के 75 वर्ष (अमृत महोत्सव ) पूर्ण होने पर डायमंड बुक्स द्वारा ‘भारत कथा माला’ का अद्भुत प्रकाशन।

 

About the Author

प्रो. परिमला अम्बेकर का जन्म सन 1962 में कर्नाटक के गुलबर्गा जिला में हुआ। आपने हिंदी विषय से एम.ए, और पीएच.डी. की शिक्षा गुलबर्गा विश्वविद्यालय, कलबुर्गी से प्राप्त की। आप लेखिका, अनुवादक, आलोचक और स्त्री विमर्शकार के रूप में प्रतिष्ठित हैं। अनुवाद, अनुसन्धान, आलोचना आदि विधा में आपका महत्त्वपूर्ण योगदान है। आप विश्विद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदत्त अनेक परियोजना में सक्रियता के साथ कार्य कर चुकी हैं। अपने लेखन में स्त्रीवादी मुद्दों को उठाते हुए समाज और संवेदना के धरातल पर अत्यंत ही तल्खी के साथ प्रस्तत करती हैं। आपकी 10 से भी अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। विभिन्न संस्थाओं द्वारा आपको अनेक पुरस्कार एवं सम्मान से सम्मानित किया गया है।
 
डॉ. अमरनाथ प्रजापति का जन्म 10 अगस्त, 1985 को ग्राम-लक्ष्मणपुर, जिला-बलिया (उत्तर प्रदेश) में हुआ। आपने सन् 2009 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से हिंदी में एम.ए. की शिक्षा प्राप्त की, तत्पश्चात सन् 2011 में हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद से एम.फिल. की उपाधि स्वर्ण पदक के साथ तथा वहीं से सन् 2018 में पीएच.डी. की उपाधि भी स्वर्ण पदक के साथ प्राप्त की। विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में आपकी कविताएँ, शोध-आलेख एवं समीक्षाएँ लगातार प्रकाशित होती रहती हैं। आप अनेक पुरस्कारों एवं सम्मानों से सम्मानित भी हो चुके हैं। वर्तमान में आप कर्नाटक राज्य अक्कमहादेवी महिला विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।

Additional information

Author

Pro. Parimal Ambedkar, Pro. Amarnath Prajapati

ISBN

9789354869259

Pages

32

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9354869254

Flipkart

https://www.flipkart.com/21-shreshth-lok-kathayein-karnataka/p/itm815a7ecff20c9?pid=9789354869259

ISBN 10

9354869254

भारत एक विशाल देश है, जिसमें अनेकों सभ्यताओं, परंपराओं का समावेश है। विभिन्न राज्यों के पर्व-त्योहार, रहन-सहन का ढंग, शैक्षिक अवस्था, वर्तमान और भविष्य का चिंतन, भोजन की विधियां, सांस्कृतिक विकास, मुहावरे, पोशाक और उत्सव इत्यादि की जानकारी कथा-कहानी के माध्यम से भी मिलती है। भारत के सभी प्रदेशों के निवासी साहित्य के माध्यम से एक-दूसरे को जानें, समझें और प्रभावित हो सके, ऐसा साहित्य उपलब्ध करवाना हमारा प्रमुख उद्देश्य है।
भारत की आजादी के 75 वर्ष (अमृत महोत्सव ) पूर्ण होने पर डायमंड बुक्स द्वारा ‘भारत कथा माला’ का अद्भुत प्रकाशन।

About the Author

प्रो. परिमला अम्बेकर का जन्म सन 1962 में कर्नाटक के गुलबर्गा जिला में हुआ। आपने हिंदी विषय से एम.ए, और पीएच.डी. की शिक्षा गुलबर्गा विश्वविद्यालय, कलबुर्गी से प्राप्त की। आप लेखिका, अनुवादक, आलोचक और स्त्री विमर्शकार के रूप में प्रतिष्ठित हैं। अनुवाद, अनुसन्धान, आलोचना आदि विधा में आपका महत्त्वपूर्ण योगदान है। आप विश्विद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदत्त अनेक परियोजना में सक्रियता के साथ कार्य कर चुकी हैं। अपने लेखन में स्त्रीवादी मुद्दों को उठाते हुए समाज और संवेदना के धरातल पर अत्यंत ही तल्खी के साथ प्रस्तत करती हैं। आपकी 10 से भी अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। विभिन्न संस्थाओं द्वारा आपको अनेक पुरस्कार एवं सम्मान से सम्मानित किया गया है।
डॉ. अमरनाथ प्रजापति का जन्म 10 अगस्त, 1985 को ग्राम-लक्ष्मणपुर, जिला-बलिया (उत्तर प्रदेश) में हुआ। आपने सन् 2009 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से हिंदी में एम.ए. की शिक्षा प्राप्त की, तत्पश्चात सन् 2011 में हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद से एम.फिल. की उपाधि स्वर्ण पदक के साथ तथा वहीं से सन् 2018 में पीएच.डी. की उपाधि भी स्वर्ण पदक के साथ प्राप्त की। विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में आपकी कविताएँ, शोध-आलेख एवं समीक्षाएँ लगातार प्रकाशित होती रहती हैं। आप अनेक पुरस्कारों एवं सम्मानों से सम्मानित भी हो चुके हैं। वर्तमान में आप कर्नाटक राज्य अक्कमहादेवी महिला विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।

ISBN10-9354869254