भारत एक विशाल देश है, जिसमें अनेकों सभ्यताओं, परंपराओं का समावेश है। विभिन्न राज्यों के पर्व-त्योहार, रहन-सहन का ढंग, शैक्षिक अवस्था, वर्तमान और भविष्य का चिंतन, भोजन की विधियां, सांस्कृतिक विकास, मुहावरे, पोशाक और उत्सव इत्यादि की जानकारी कथा-कहानी के माध्यम से भी मिलती है। भारत के सभी प्रदेशों के निवासी साहित्य के माध्यम से एक-दूसरे को जानें, समझें और प्रभावित हो सके, ऐसा साहित्य उपलब्ध करवाना हमारा प्रमुख उद्देश्य है।
भारत की आजादी के 75 वर्ष (अमृत महोत्सव ) पूर्ण होने पर डायमंड बुक्स द्वारा ‘भारत कथा माला’ का अद्भुत प्रकाशन।
About the Author
जन्म- 12.06.1979
माता जी- श्रीमती कानन कौशल सिंह
पिता जी- डॉ. देवनाथ सिंह
पति- डॉ० राजू सिंह
शिक्षा- एम.ए, हिन्दी (कलकत्ता विश्वविद्यालय), पीएच०डी० हिन्दी पत्रकारिता (वर्द्धमान विश्वविद्यालय), पीएच०डी० का विषय – स्वाधीनता आन्दोलन और स्त्री मक्ति संघर्ष में ‘चाँद’ का योगदान, डिप्लोमा इन लेक्चरर, बी.एड., डिप्लोमा इन ट्रान्सलेटर (रवीन्द्र भारतीय विश्वविद्यालय)।
कार्य क्षेत्र- सहायक प्राध्यापिका हिन्दी (वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय सूरत)
सुजन- छंद मुक्त,तुकान्त, अतुकांत सृजन, समसामायिक विषयों पर आलोचनात्मक तथा शोधपरक । लेख विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। इसके साथ सामाजिक कार्यों में भागीदारी। काव्य गोष्ठी में पाठ करते रहना।
प्रकाशित पुस्तकें- 1. मेरी साँसे तेरा जीवन (दोहा साँझा संग्रह),2. सुगन्ध परिधि में (साँझा काव्य संग्रह ), 3. संस्कृत साहित्य, संस्कृति : दशा एवं दिशा (सहलेखिका).4.21वीं सदी की हिन्दी कविता (सह लेखिका ).5. रश्मि कलश, साँझा काव्य-संग्रह, 6. स्वाधीनता आन्दोलन और स्त्री मुक्ति संघर्ष में ‘चाँद’ का योगदान (हिन्दी पत्रकारिता की मूल पुस्तक).7. निराला का काव्य संसार, 8. समावेशी और गुणात्मक शिक्षा : चुनौतियाँ और मुद्दे, गिना प्रकाशन, प्र० सं०- 2018,9. दिनकर और राष्ट्रीयता के नए आयाम, सदीनामा प्रकाशन, प्र० सं० 2018, 10. यात्रा साहित्य अखिल भारतीय साहित्य परिषद न्यास, प्र० सं०-2018, 11. भक्ति आन्दोलन और भारतीयता, 12. आधुनिक हिन्दी साहित्य की प्रासंगिकता, 13. भारतीय साहित्य व समाज के विविध स्वरुप, 14. हिन्दी भक्ति काव्यधारा में हरियाणा का योगदान, 15. समकालीन साहित्य : स्त्री, समाज और संस्कृति, 16. फणीश्वरनाथ रेणु का व्यक्तित्व और कृतित्व, आनन्द प्रकाशन, 17. दिनकरः साहित्य साधना (द्वितीय खण्ड)