भारत एक विशाल देश है, जिसमें अनेकों सभ्यताओं, परंपराओं का समावेश है। विभिन्न राज्यों के पर्व-त्योहार, रहन-सहन का ढंग, शैक्षिक अवस्था, वर्तमान और भविष्य का चिंतन, भोजन की विधियां, सांस्कृतिक विकास, मुहावरे, पोशाक और उत्सव इत्यादि की जानकारी कथा-कहानी के माध्यम से भी मिलती है। भारत के सभी प्रदेशों के निवासी साहित्य के माध्यम से एक-दूसरे को जानें, समझें और प्रभावित हो सके, ऐसा साहित्य उपलब्ध करवाना हमारा प्रमुख उद्देश्य है। भारत की आजादी के 75 वर्ष (अमृत महोत्सव ) पूर्ण होने पर डायमंड बुक्स द्वारा ‘भारत कथा माला’ का अद्भुत प्रकाशन।
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05 नवंबर, 1982 को महेंद्रगढ़ जिले के गाँव कोथल कलां में जन्मे अमित मनोज कविता और कहानी के क्षेत्र में सृजनरत हैं। ‘कठिन समय में’, ‘दुख कोई चिड़िया तो नहीं’, ‘प्रेमचंद की किसानी कहानियां’, ‘कथा में किसान’ (भाग एक व दो) उनकी सृजनात्मक व संपादित कृतियाँ हैं। वे ‘रेत पथ’ पत्रिका के संपादन से भी जुड़े हैं। बकौल ज्ञानप्रकाश विवेक ‘अमित मनोज के भीतर ग्रामीण परिवेश की विशिष्ट जगह है। …उनकी कहानियों में अभाव और संघर्ष की गाथा भरपूर सादगी और सच्चाई से व्यक्त होती है।’ संपर्क : कोथल कलां, महेंद्रगढ़-123028 (हरि.)
मेबाइल : 9992885959
ई.मेल : [email protected]
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