‘इक्कीस श्रेष्ठ कहानियां’ मेरा कमोवेश अपना ही चयन है । जिस प्रकार स्नेहसिक्त माता-पिता अपनी कुछ संतानों को अधिक प्रिय तथा कुछ को अधिक अप्रिय के रूप में विभाजन करने की सहज स्थिति में नहीं हो सकते, संभवतः वही बात रचनाकार की रचना – चयन पर भी लागू होती है कि वह किस रचना को श्रेष्ठ, श्रेष्ठतर अथवा श्रेष्ठतम कहे व किस रचना को अवरोह के क्रम में कमतर क्योंकि हर रचना का क्रम, संघर्ष नियति, संवेदना आदि की प्रक्रिया की पद्धति संभवतः एक ही जैसी होती है।
फिर भी पाठकों की सुविधा के लिए अपनी चयनित 21 श्रेष्ठ कहानियां संकलित कर पिरो दी हैं जिनमें पर्वतीय जीवन के लोक रंगों के साथ लोक उत्सव व लोक जीवन के स्मृतिबिम्बों का यथा तथ्य पकड़ने का प्रयास किया गया है। उसमें रचनाकार कितना सफल हुआ है, यह भाव प्रवण सुधी पाठक ही तय कर पाएंगे।
About the Author
जन्म : 14 जनवरी, 1964
शिक्षा : एम.ए. (अंग्रेजी), ‘प्रभाकर’
एम.ए. हिंदी (स्वर्णपदक प्राप्त) पी-एच.डी., डी.लिट्
जन्मस्थान: कौशलपुर, रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड
प्रकाशित पुस्तकें:-
उपन्यास : ‘एक था रॉबिन’, ‘टुकड़ा टुकड़ा संघर्ष’
कहानी : ‘माटी का कर्ज’, ‘मिस्टर एम. डैनी एवं अन्य कहानियां’,
एकांकी : ‘पर्यावरण बचाओ’ व्यंग्य : ‘झूठ से लूट’ लघु कथा : ‘नन्हे प्रकाशदीप’ आलोचना : हिंदी के साठोत्तरी खंडकाव्यों में नायक परिकल्पना’ गढ़वाली कविता : ‘मौसमी खुदेडू’, ‘बौगलु माटु त…’ अंग्रेजी कविता : ‘Mirth of Solitude’ हिंदी कविता : ‘यादों के खंडहर’, ‘कि भोर हो गई’, ‘क्षितिज के उस पार’, ‘स्मृतियों का पहाड़’, ‘मेरी 51 विज्ञान कविताएं’ दोहा सतसई : ‘कान्हा की बांसुरी’ चंपू काव्य : ‘विदाई’ अनुवाद : ‘समकालीन बर्मी कविताएं’ (अंग्रेजी से),‘बिखरे मोती’ (पंजाबी से) अनुवाद सिद्धांत : ‘प्रयोजनमूलक प्रशासनिक हिंदी’, ‘अनुवाद और अनुप्रयोग’ शब्दकोश : पेट्रो-प्रशासनिक शब्दावली’, ‘व्यावहारिक राजभाषा कोश’ बाल कहानी : ‘दूर के पड़ोसी’, ‘चंपा का राजकुमार’, ‘प्रतिनिधि बाल कहानियां’, ‘अहंकारी लकड़हारा’, ‘फूलों का देवता’, ‘ईमानदार गडेरिया’, ‘एक सौ एक बाल गीत’, ‘गाएं गीत ज्ञान विज्ञान के’ कविता, कहानी, उपन्यास, एकांकी, व्यंग्य, लघुकथा, खंडकाव्य, समीक्षा, दोहा, बाल साहित्य, अनुवाद, राजभाषा, प्रयोजनमूलक हिंदी शब्दकोश आदि विभिन्न विधाओं में 81 (इक्यासी) पुस्तकें प्रकाशित ।
पुरस्कार : साहित्य अकादमी (बाल साहित्य) पुरस्कार सहित राष्ट्रीय स्तर पर पचास से अधिक पुरस्कार/सम्मान प्राप्त अपने साहित्य पर देश के अनेक विश्विद्यालयों में पी-एच. डी / एम. फिल. स्तरीय कई शोध कार्य संपन्न व जारी |
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के पूर्व संयुक्त निदेशक (हिंदी)। 22 वर्षों तक चर्चित हिंदी पत्रिका “विकल्प” का भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (IIP), देहरादून से संपादन। समीक्षा-प्रधान हिंदी मासिक पत्रिका ‘साहित्य नंदिनी’, दिल्ली के ‘प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी विशेषांक’, साक्षात्कार श्रृंखला – 1 जून, 2021 के अतिथि संपादक। अनेक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन। पिछले चालीस (40) वर्षों से राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में अनवरत लेखन। विश्वविद्यालय की आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के पूर्व निदेशक (2016-2021) विश्वविद्यालय के आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकाय के पूर्व डीन (2018-2022 ) देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, आयोगों व संस्थानों की शोध समितियों; प्रश्नपत्र निर्माण व पुरस्कार मूल्यांकन समितियों के सम्मानित सदस्य/ विशेषज्ञ । साहित्य अकादमी, दिल्ली की जनरल कॉउन्सिल व हिंदी परामर्श मंडल के सम्मानित सदस्य । राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत (भारत सरकार), शिक्षा मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति के सम्मानित सदस्य रहे ।
संप्रति : प्रो. दिनेश चमोला ‘शैलेश’, डी.लिट्. कुलानुशासक तथा आचार्य एवं अध्यक्ष, भाषा एवं आधुनिक ज्ञान विज्ञान विभाग, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, *23 गढ़ विहार, फेज-1, मोहकमपुर, देहरादून – 248005