Product Description
परमहंस योगानंद की यह आत्मकथा, पाठकों और योग के जिज्ञासुओं को संतों, योगियों, विज्ञान और चमत्कार, मृत्यु एवं पुनर्जन्म, मोक्ष व बंधन, की एक ऐसी अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाती है, जिससे पाठक अभिभूत हो जाता है। सहज-सरल शब्दों में भावाभिव्यक्ति, पठनीय शैली, गठन कौशल, भाव- पटुता, रचना प्रवाह, शब्द सौन्दर्य इस आत्मकथा को एक नया आयाम देते हैं और पुस्तक को पठनीय बनाते हैं। एक सिद्ध पुरुष की जीवनगाथा को प्रस्तुत करती यह पुस्तक जीवन दर्शन के तमाम पक्षों से न सिर्फ हमें रूबरू कराती है, बल्कि योग के अद्भुत चमत्कारों से भी परिचित करवाती है।
योगी कथामृत: एक योगी की आत्मकथा किस बारे में है?
योगी कथामृत: एक योगी की आत्मकथा परमाहंस योगानंद की आत्मकथा है, जिसमें वे अपनी आत्मज्ञान की यात्रा, संतों से मुलाकात, और क्रिया योग की शिक्षा को साझा करते हैं।
परमाहंस योगानंद कौन थे?
परमाहंस योगानंद एक प्रसिद्ध भारतीय योगी और आध्यात्मिक गुरु थे, जिन्होंने पश्चिमी दुनिया में क्रिया योग और ध्यान की विधियों का प्रचार किया। उनकी शिक्षाएँ आत्मज्ञान, आंतरिक शांति और ध्यान पर केंद्रित हैं।
क्रिया योग क्या है, और इसे पुस्तक में कैसे बताया गया है?
क्रिया योग एक प्राचीन ध्यान विधि है जो आत्मिक प्रगति को तीव्र करती है। इस पुस्तक में योगानंद जी क्रिया योग के महत्व और इसे कैसे अपनाया जा सकता है, इसके बारे में बताते हैं।
योगी कथामृत को एक आध्यात्मिक क्लासिक क्यों माना जाता है?
यह पुस्तक आत्मा की प्रकृति, कर्म, ध्यान और आत्मज्ञान जैसे विषयों पर अमूल्य शिक्षाएँ देती है। योगानंद जी की जीवन यात्रा और उनकी शिक्षाएँ सार्वभौमिक सत्य को दर्शाती हैं, जो आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।
क्या यह योगी कथामृत: उन लोगों के लिए है जो आध्यात्मिकता में नए हैं?
हां, यह योगी कथामृत: आध्यात्मिकता की शुरुआत करने वालों के लिए भी उपयुक्त है। इसमें आध्यात्मिक सिद्धांतों को सरल और स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जिससे इसे हर कोई आसानी से समझ सकता है।