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51 Shreshtha Vyangya Rachnayen : Chuppi Ki Chaturai (51 श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ : चुप्पी की चतुराई)

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इंद्रजीत का व्यंग्य साहसपूर्ण भी है। व्यंग्य हमेशा सत्ता के खिलाफ लिखा जाता है। यह सत्ता राजनीतिक, धार्मिक, प्रशासनिक, साहित्यिक आदि कोई भी हो सकती है। मठाधीशी और कठमुल्लापन के विरोध में लिखना स्त्री द्वारा क्या पुरुषों द्वारा भी लिखना मुश्किल है। इंद्रजीत ने इन मुद्दों पर बहुत साहस के साथ लिखा है। सिक्ख धर्म से होते हुये भी अपने ही धर्म मे चल रहे कमियों पर बहुत साहस के साथ पंजाबी पत्रिका ‘पंजाबी सुमन ‘ में स्तम्भ लिखती रहीं हैं। हो सकता है इस कारण इंद्रजीत ने कुछ लोगों की नाराजगी भी उठाई हो।
इंद्रजीत कौर की यह तीसरी किताब है। जब वह व्यंग्य विधा में चलना सीख रहीं थीं, तभी से मेरी नजर उनके लेखन पर रही है। बहुत कम लोग हैं जिनमें संभावना दिखती है और देखने की इच्छा होती है कि ये कहाँ तक पहुंचेगी। किसी के विकास – यात्रा का साक्षी होना बहुत सुख देता है। साक्षी होने के अपने दु:ख और सुख होते हैं। मैं बहुतों के व्यंग्य लेखन का साक्षी हूँ। अपने लेखन को भी साक्षी भाव से देखता हूँ तथा सुखी और दु:खी होता हूँ कि ये लेखन ठीक रहा है और ये नहीं।

About the Author

नाम :- इन्द्रजीत कौर
पति :- श्री देवेन्द्र सिंघ
पता : – ई -III/ 915, सेक्टर -आई, अलीगंज, लखनऊ-226024
राज्य :- उत्तर प्रदेश
जन्म तिथि :- 01.01.1973
जन्म स्थान :- युसूफपुर, गाजीपुर, (उ0प्र0)
शिक्षा :- बी.ए., एम.ए. (महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर), बी.एड. (महिला कालेज, लखनऊ), पी.जी. डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एंड मॉस कम्युनिकेशन (इग्नू)
प्रकाशित पुस्तकें :- ‘ईमानदारी का सीजन’, पंचरतंत्र की कथाएँ [व्यंग्य संग्रह ]
पुरस्कार/सम्मान :- माध्यम साहित्यिक संस्थान की तरफ से ठाकुर प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान सन् 2007। अखिल भारतीय वागीश्वरी परिषद की तरफ से सन् 2008 में पत्रकारिता सम्मान । साहित्य चेतना समाज, गाजीपुर की तरफ से सन् 2015 में चेतना महोत्सव सम्मानप यू. पी. प्रेस क्लब की तरफ से सन 2016 में सृजन सम्मान और गीत गिलहरी सम्मान’ धानी चुनरिया’ संस्था की तरफ से महिला शक्ति सम्मान, व्यंग्यगंधा सम्मान 2018, डा. किशोरीलाल चतुर्वेदी स्मृति में युवा व्यंग्यकार सम्मान 2019, उ. प्र. हिन्दी संस्थान की तरफ से सन 2018 का शरद जोशी सर्जना पुरस्कार ।
जैवनी :- बाल्यकाल से ही लेखन और अध्ययन में रुचि । विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में बाल कविता, कविता, कहानियां, फीचर लेख, इण्टरव्यू, पुस्तक समीक्षाएं, क्षणिकाओं आदि का प्रकाशन । देश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं जैसे व्यंग्ययात्रा, विश्वगाथा, सोचविचार, अट्टहास, गुदगुदी, अभिनव प्रसंग, साहित्य अमृत, हरिभूमि, शब्द, आदि और समाचारपत्रों जैसे हिन्दुस्तान, अमर उजाला, नवभारत टाइम्स, जन्संदेश टाइम्स, कल्पतरु एक्सप्रेस, जनवाणी, सुबह-सवेरे, नयी दुनिया, साहित्यगंधा आदि में व्यंग्य लेखों / कथाओं का प्रकाशनप अनेक महत्त्वपूर्ण संकलनों जैसे नेशनल बुक ट्रस्ट प्रकाशन की ‘देश की व्यंग्य लेखिकाएं’, अभिव्यक्ति संस्था की ‘तिर्यक रेखाएं’, वनिका प्रकाशन के व्यंग्य संग्रह ‘व्यंग्य बत्तीसी’, किताबघर प्रकाशन के ग्यारह व्यंग्यकारों के व्यंग्य का संकलन [प्रकाशाधीन ], भावना प्रकाशन के व्यंग्य संग्रह ‘लेडीज डॉट कॉम’, यश प्रकाशन के व्यंग्य प्रकाशन, व्यंग्योदय, हास्य-व्यंग्य वार्षिकी आदि में व्यंग्य लेख/ कथाएं शामिल। कई सम्मानित मंचों से काव्य और व्यंग्य पाठ प दूरदर्शन व आकाशवाणी से भी व्यंग्य पाठ ।
हास्य व्यंग की मासिक पत्रिका ‘अट्टहास’ में लगभग बारह वर्षों से स्तम्भ लेखन ।
लोकप्रिय पंजाबी मासिक पत्रिका ‘पंजाबी सुमन’ में लगभग दो वर्षों तक व्यंग्य स्तम्भ जारी पद
वर्तमान में बेसिक शिक्षा विभाग, सीतापुर जिले में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात ।

इंद्रजीत का व्यंग्य साहसपूर्ण भी है। व्यंग्य हमेशा सत्ता के खिलाफ लिखा जाता है। यह सत्ता राजनीतिक, धार्मिक, प्रशासनिक, साहित्यिक आदि कोई भी हो सकती है। मठाधीशी और कठमुल्लापन के विरोध में लिखना स्त्री द्वारा क्या पुरुषों द्वारा भी लिखना मुश्किल है। इंद्रजीत ने इन मुद्दों पर बहुत साहस के साथ लिखा है। सिक्ख धर्म से होते हुये भी अपने ही धर्म मे चल रहे कमियों पर बहुत साहस के साथ पंजाबी पत्रिका ‘पंजाबी सुमन ‘ में स्तम्भ लिखती रहीं हैं। हो सकता है इस कारण इंद्रजीत ने कुछ लोगों की नाराजगी भी उठाई हो।
इंद्रजीत कौर की यह तीसरी किताब है। जब वह व्यंग्य विधा में चलना सीख रहीं थीं, तभी से मेरी नजर उनके लेखन पर रही है। बहुत कम लोग हैं जिनमें संभावना दिखती है और देखने की इच्छा होती है कि ये कहाँ तक पहुंचेगी। किसी के विकास – यात्रा का साक्षी होना बहुत सुख देता है। साक्षी होने के अपने दु:ख और सुख होते हैं। मैं बहुतों के व्यंग्य लेखन का साक्षी हूँ। अपने लेखन को भी साक्षी भाव से देखता हूँ तथा सुखी और दु:खी होता हूँ कि ये लेखन ठीक रहा है और ये नहीं।

About the Author

नाम :- इन्द्रजीत कौर
पति :- श्री देवेन्द्र सिंघ
पता : – ई -III/ 915, सेक्टर -आई, अलीगंज, लखनऊ-226024
राज्य :- उत्तर प्रदेश
जन्म तिथि :- 01.01.1973
जन्म स्थान :- युसूफपुर, गाजीपुर, (उ0प्र0)
शिक्षा :- बी.ए., एम.ए. (महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर), बी.एड. (महिला कालेज, लखनऊ), पी.जी. डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एंड मॉस कम्युनिकेशन (इग्नू)
प्रकाशित पुस्तकें :- ‘ईमानदारी का सीजन’, पंचरतंत्र की कथाएँ [व्यंग्य संग्रह ]
पुरस्कार/सम्मान :- माध्यम साहित्यिक संस्थान की तरफ से ठाकुर प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान सन् 2007। अखिल भारतीय वागीश्वरी परिषद की तरफ से सन् 2008 में पत्रकारिता सम्मान । साहित्य चेतना समाज, गाजीपुर की तरफ से सन् 2015 में चेतना महोत्सव सम्मानप यू. पी. प्रेस क्लब की तरफ से सन 2016 में सृजन सम्मान और गीत गिलहरी सम्मान’ धानी चुनरिया’ संस्था की तरफ से महिला शक्ति सम्मान, व्यंग्यगंधा सम्मान 2018, डा. किशोरीलाल चतुर्वेदी स्मृति में युवा व्यंग्यकार सम्मान 2019, उ. प्र. हिन्दी संस्थान की तरफ से सन 2018 का शरद जोशी सर्जना पुरस्कार ।
जैवनी :- बाल्यकाल से ही लेखन और अध्ययन में रुचि । विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में बाल कविता, कविता, कहानियां, फीचर लेख, इण्टरव्यू, पुस्तक समीक्षाएं, क्षणिकाओं आदि का प्रकाशन । देश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं जैसे व्यंग्ययात्रा, विश्वगाथा, सोचविचार, अट्टहास, गुदगुदी, अभिनव प्रसंग, साहित्य अमृत, हरिभूमि, शब्द, आदि और समाचारपत्रों जैसे हिन्दुस्तान, अमर उजाला, नवभारत टाइम्स, जन्संदेश टाइम्स, कल्पतरु एक्सप्रेस, जनवाणी, सुबह-सवेरे, नयी दुनिया, साहित्यगंधा आदि में व्यंग्य लेखों / कथाओं का प्रकाशनप अनेक महत्त्वपूर्ण संकलनों जैसे नेशनल बुक ट्रस्ट प्रकाशन की ‘देश की व्यंग्य लेखिकाएं’, अभिव्यक्ति संस्था की ‘तिर्यक रेखाएं’, वनिका प्रकाशन के व्यंग्य संग्रह ‘व्यंग्य बत्तीसी’, किताबघर प्रकाशन के ग्यारह व्यंग्यकारों के व्यंग्य का संकलन [प्रकाशाधीन ], भावना प्रकाशन के व्यंग्य संग्रह ‘लेडीज डॉट कॉम’, यश प्रकाशन के व्यंग्य प्रकाशन, व्यंग्योदय, हास्य-व्यंग्य वार्षिकी आदि में व्यंग्य लेख/ कथाएं शामिल। कई सम्मानित मंचों से काव्य और व्यंग्य पाठ प दूरदर्शन व आकाशवाणी से भी व्यंग्य पाठ ।
हास्य व्यंग की मासिक पत्रिका ‘अट्टहास’ में लगभग बारह वर्षों से स्तम्भ लेखन ।
लोकप्रिय पंजाबी मासिक पत्रिका ‘पंजाबी सुमन’ में लगभग दो वर्षों तक व्यंग्य स्तम्भ जारी पद
वर्तमान में बेसिक शिक्षा विभाग, सीतापुर जिले में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात ।

Additional information

Author

Inderjit Kaur

ISBN

9789356845749

Pages

264

Format

Hardcover

Language

Hindi

Publisher

Junior Diamond

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9356845743

Flipkart

https://www.flipkart.com/51-shreshtha-vyangya-rachnayen-chuppi-ki-chaturai/p/itm67b6614563397?pid=9789356845749

ISBN 10

9356845743

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