अगर दूसरा तुम्हें कहे कि ‘आप असाधारण हो’, तो बात अलग हो जाती है। पर तुम खुद ही कहने लग जाओं कि ‘हम असाधारण हैं’ तो बात नहीं बनती। असल में सहजता, सरलता जीवन में आए, तो ही तुम असाधारणहो जाते हो। यही तो है सजह प्रार्थना के सूत्र ।
सहज प्रार्थना के सूत्र
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अगर दूसरा तुम्हें कहे कि ‘आप असाधारण हो’, तो बात अलग हो जाती है। पर तुम खुद ही कहने लग जाओं कि ‘हम असाधारण हैं’ तो बात नहीं बनती। असल में सहजता, सरलता जीवन में आए, तो ही तुम असाधारणहो जाते हो। यही तो है सजह प्रार्थना के सूत्र ।
Additional information
Author | Anandmurti Guru Maa |
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ISBN | 8128815016 |
Pages | 56 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128815016 |