काका की विशिष्ट रचनाएं
₹95.00
- About the Book
- Book Details
उक्त कथन हास्य-व्यंग्य के विशिष्ट कवि ‘काका हाथरसी’ का मात्र सिद्धांत-कथन ही नहीं था वरन् उन्होंने इस गुण को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाया था। बच्चों में बूढ़ों में, घर में, समाज में, मंच पर, बैठकों में, सभी स्थलों पर उनकी मुस्कुराहट और खिलखिलाहट दिखाई देती थी। परिवार के छोटे-से छोटे सदस्य के साथ भी वे गंभीरता के कृत्रिम आवरण को उतारकर बात करते थे। हँसी-मजाक करते थे।
Additional information
Author | Kaka Hathrasi |
---|---|
ISBN | 8128815466 |
Pages | 136 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128815466 |
उक्त कथन हास्य-व्यंग्य के विशिष्ट कवि ‘काका हाथरसी’ का मात्र सिद्धांत-कथन ही नहीं था वरन् उन्होंने इस गुण को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाया था। बच्चों में बूढ़ों में, घर में, समाज में, मंच पर, बैठकों में, सभी स्थलों पर उनकी मुस्कुराहट और खिलखिलाहट दिखाई देती थी। परिवार के छोटे-से छोटे सदस्य के साथ भी वे गंभीरता के कृत्रिम आवरण को उतारकर बात करते थे। हँसी-मजाक करते थे।
ISBN10-8128815466