दरिया झूठ सो झूठ है, सांच सांच सो सांच
और जो सत्य है वह सत्य है। सत्य को सिद्ध नहीं करना होता है, सत्य को जानना होता है, देखना होता है, दर्शन करना होता है। सत्य का दर्शनशास्त्र नहीं बनाना होता। सत्य का दर्शन करना होता है। आंख खोलनी होती है।
इस पुस्तक में दरिया-वाणी को ओशो ने अभिव्यक्ति दी है। उनके दोहों के सत्य को जन-जन के लिए सुलभ बनाया है।
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दरिया झूठ तो झूठ है (दरिया वाणी)
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दरिया झूठ सो झूठ है, सांच सांच सो सांच
और जो सत्य है वह सत्य है। सत्य को सिद्ध नहीं करना होता है, सत्य को जानना होता है, देखना होता है, दर्शन करना होता है। सत्य का दर्शनशास्त्र नहीं बनाना होता। सत्य का दर्शन करना होता है। आंख खोलनी होती है।
इस पुस्तक में दरिया-वाणी को ओशो ने अभिव्यक्ति दी है। उनके दोहों के सत्य को जन-जन के लिए सुलभ बनाया है।
Additional information
Author | Osho |
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ISBN | 8171821502 |
Pages | 136 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171821502 |