भक्ति भजन हरि नाम (कबीर वाणी)
भक्ति भजन हरि नाम (कबीर वाणी)
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(कबीर वाणी पर ओशो द्वारा दिए गए अमृत प्रवचनों में से पांच प्रवचनों का संकलन) इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं।
संबुद्धों के अंतर्जगत में कबीर एक सर्वाधिक सम्मोहन संत हैं। ‘भगति भजन हरिनाम’ इसी पुस्तक के एक प्रवचन में उनका एक पद है ‘मन रे जागत रहिए भाई।‘ यह सूत्र अध्यात्म के जगत की सर्वाधिक कारगर कुंजी है।
ओशो कहते हैं समस्त योग एक ही कुंजी में भरोसा करता है और वह कुंजी है जाग जाना। जिस दिन जागने की कुंजी तुम्हारी नींद के ताले पर लग जाती है, खुल गए द्वार।
जागरण के इस सूत्र के बाद कबीर इसी पद में भीतर के 6 चक्रों की बात करते हैं- ‘षट चक्र की कनक कोठरी’ —। ओशो समझाते हैं ये 6 चक्र सक्रिय होने चाहिए। जितने सक्रिय होंगे, उतना ही भीतर प्रवेश होगा। और ठीक अंतरम में, ठीक मध्यबिंदु पर, तुम्हारे होने के ठीक केंद्र में परमात्मा छिपा है वही है असली बसने वाला। शरीर घर है। मन घर है। और मन से भी गहरा घर षटचक्र है।
ISBN10-8171828272
Additional information
Author | Osho |
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ISBN | 8171828272 |
Pages | 152 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Fusion Books |
ISBN 10 | 8171828272 |
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