हिन्दी भाषा जितनी विशाल है, उसका साहित्य भी उतना ही विशाल है। हिन्दी में लिखा गया साहित्य मधुर और ललित है। हमारे जीवन से जुड़ा हुआ है। लोग आज भी तुलसी की चौपाइयां, रहीम, कबीर, वृन्द आदि के दोहे मुहावरे के रूप में प्रयोग करते हैं। इस पुस्तक में हिंदी साहित्य का परिचय सरल और बोधगम्य बनाकर प्रस्तुत किया गया है। यह सामान्य पाठकों के लिए है। इसमें दी गई जानकारी, पाठकों में हिंदी साहित्य और विशिष्ट कृतियों को पढ़ने की रुचि बढ़ाएगी। साथ ही हिंदी साहित्य की रूपरेखा तो प्रस्तुत करती ही है। प्रश्नों की शैली में लिखने का उद्देश्य यही है कि साहित्य के प्रति उठने वाले प्रश्नों के उत्तर इसमें आसानी से मिल सकें। इसके साथ ही अभ्यास के लिए वस्तुनिष्ट प्रश्न भी दिए गए हैं।
विभा देवसरे