Meri Aankhon Mein Mohbbat Ke Manjar Hai Hindi
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- Book Details
शब्द नए चुनकर गीत वही हर बार लिखूँ मैं
उन दो आँखों में अपना सारा संसार लिखूँ मैं
विरह की वेदना लिखूँ या मिलन की झंकार लिखूँ मैं
कैसे चंद लफ्जों में सारा प्यार लिखूँ मैं……………..
उसकी देह का श्रृंगार लिखूँ या अपनी हथेली का अंगार लिखूँ मैं
साँसों का थमना लिखूँ या धड़कन की रफ्तार लिखूँ मैं
जिस्मों का मिलना लिखूँ या रूहों की पुकार लिखूँ मैं
कैसे चंद लफ्जों में सारा प्यार लिखूँ मैं……………..
उसके अधरों का चुंबन लिखूँ या अपने होठों का कंपन लिखूँ मैं
जुदाई का आलम लिखूँ या मदहोशी में तन मन लिखूँ मैं
बेताबी, बेचैनी, बेकरारी, बेखुदी, बेहोशी, खामोशी……………..
कैसे चंद लफ्जों में इस दिल की सारी तड़पन लिखूँ मैं
इजहार लिखूँ, इकरार लिखूँ, एतबार लिखूँ, इनकार लिखूँ मैं
कुछ नए अर्थों में पीर पुरानी हर बार लिखूँ मैं
इस दिल का उस दिल पर, उस दिल का किस दिल पर
कैसे चंद लफ्जों में सारा अधिकार लिखूँ मैं……………..
Additional information
Author | Dinesh Gupta |
---|---|
ISBN | 9789350830345 |
Pages | 136 |
Format | Hard Bound |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9350830345 |
शब्द नए चुनकर गीत वही हर बार लिखूँ मैं
उन दो आँखों में अपना सारा संसार लिखूँ मैं
विरह की वेदना लिखूँ या मिलन की झंकार लिखूँ मैं
कैसे चंद लफ्जों में सारा प्यार लिखूँ मैं……………..
उसकी देह का श्रृंगार लिखूँ या अपनी हथेली का अंगार लिखूँ मैं
साँसों का थमना लिखूँ या धड़कन की रफ्तार लिखूँ मैं
जिस्मों का मिलना लिखूँ या रूहों की पुकार लिखूँ मैं
कैसे चंद लफ्जों में सारा प्यार लिखूँ मैं……………..
उसके अधरों का चुंबन लिखूँ या अपने होठों का कंपन लिखूँ मैं
जुदाई का आलम लिखूँ या मदहोशी में तन मन लिखूँ मैं
बेताबी, बेचैनी, बेकरारी, बेखुदी, बेहोशी, खामोशी……………..
कैसे चंद लफ्जों में इस दिल की सारी तड़पन लिखूँ मैं
इजहार लिखूँ, इकरार लिखूँ, एतबार लिखूँ, इनकार लिखूँ मैं
कुछ नए अर्थों में पीर पुरानी हर बार लिखूँ मैं
इस दिल का उस दिल पर, उस दिल का किस दिल पर
कैसे चंद लफ्जों में सारा अधिकार लिखूँ मैं……………..