पंकज के. सिंह भारत के उन प्रतिष्ठित लेखकों एवं विचारकों में शुमार हैं, जिन्होंने राष्ट्र-समाज तथा व्यवस्था से जुड़े अनेक महत्त्वपूर्ण विषयों पर शोधपूर्ण मौलिक लेखन किया है। विदेश नीति, पर्यावरण, स्वच्छता तथा अन्य सामाजिक महत्व के विषयों पर इनकी लिखित पुस्तकें ‘स्वच्छ भारत, समृद्ध भारत, ‘द ऑनली वे टू मेक इंडिया ग्रेट, ‘वी आर बिकॉज ऑफ यू, ‘क्रियेशन ऑफ न्यू इंडिया ‘आर वी द लॉस्ट जनरेशन, ‘देश की गिरती सेहत, ‘कहीं देर न हो जाए, द पॉवर ऑफ गुड मैनर्स, ‘आर वी रेडी फॉर चेंज तथा ‘भारतीय विदेश नीति संपूर्ण भारत में बेहद लोकप्रिय रही हैं। सामाजिक समरसता के विषय पर आधारित इनकी पुस्तक ‘पाखंडमुक्त भारत संपूर्ण भारत में चर्चा और विमर्श का केंद्र रही है।
30 से अधिक पुस्तकों के लेखक, प्रशासनिक चिंतक और आर्थिक मामलों के जानकार पंकज की पूर्व प्रकाशित पुस्तकें ‘समर्थ भारत, ‘भारत का अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार-जीएसटी संपूर्ण भारत में विद्यार्थियों और नीति निर्धारकों में बेहद लोकप्रिय रही हैं। लेखक ने देश की शिक्षा व्यवस्था पर गहन अध्ययन किया है। देश की शिक्षा-प्रणाली के प्रत्येक बिंदु पर गंभीर अध्ययन प्रस्तुत करती इनकी पुस्तक ‘जैसी शिक्षा, वैसा देश पूरे देश में चर्चा का विषय रही है।
एक आध्यात्मिक चिंतक और योग साधक के रूप में भी पंकज भारत के अध्यात्म और दर्शन को अपनी लेखनी के माध्यम से जनसाधारण के समक्ष प्रकट करते रहे हैं। ‘हम हैं सब संसार, ‘बदलो आदतें, बदलेगा देश तथा ‘हम बदलें, जग बदलेगा जैसी आध्यात्मिक-दार्शनिक कृतियों के माध्यम से पंकज ने भारतीय अध्यात्म, दर्शन तथा भारतीय जीवन शैली के संदर्भ में मौलिक चिंतन प्रस्तुत किया है। यह सभी पुस्तकें पाठकों के मध्य अत्यंत लोकप्रिय रही हैं।