1000 वर्षों की दर्दनाक गुलामी और कष्टदायक अपमान की गाथा में गोते लगाता हुआ भारत, जिसके पास संसाधनों और धन की कमी नहीं थी। अंततः वह अपने अंतिम आक्रमणकारी शक्तिशाली ब्रिटिश शासकों के चंगुल से वीरतापूर्वक मुक्त हो गया ।
हजारों वर्षों तक विदेशी शासन के अधीन रहने के बावजूद भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर और सभ्यता की विशिष्टता कायम रही । भारतीय नेताओं के मध्य राजनीतिक भागीदारी इतनी प्रगाढ़ थी कि उसने ब्रिटिश नेताओं की चालाकी व कूटनीति को हर पहलू में मात दी।
विंस्टन चर्चिल भारत को अपना स्थाई गुलाम बनाए रखे रहना चाहता था। भारत को राजनीतिक स्वतंत्रता देना उसके लिए एक शर्मनाक हार सदृश्य थी। लेकिन भारतीय नेताओं के मजबूत रातनीतिक कौशल एवं मजबूत इरादों ने स्वतंत्रता हासिल कर ब्रिटिशों को करारी हार दी । बैरिस्टर जिन्ना ने इस स्वतंत्रता के मार्ग में अनेक कठिनाइयाँ उत्पन्न की व भारत की अखंडता को खंडित कर विभाजन का कारण बने । ब्रिटिशों ने भारत को इस आशा के साथ दो अलग-अलग राष्ट्रों में विभाजित कर दिया ताकि वे भारत के उन नाजुक राज्यों पर पुनः आक्रमण कर उन राष्ट्रों के मध्य स्थाई दुश्मनी उत्पन्न कर दें तथा वे उन पर पुनः राज कर सकें ।
महात्मा गांधी ने अपनी अंतिम सांस तक हिंदू-मुस्लिम एकता और अविभाजित भारत के लिए संघर्ष किया । अहिंसा, सार्वभौमिक भाइचारे की भावना और सहिष्णुता के लिए उनके आदर्श एवं उपदेश आधुनिक दुनिया की वर्तमान समस्याओं के लिए सार्वभौमिक सत्य और रामबाण दवा बन गए ।
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2012 में “विदर्भ में गांधीवादी आन्दोलन 1920-1942 * विषय पर आपको पी. एच.डी. की उपाधि से तथा 2015 में ‘ट्रांसफर ऑफ पावर ट्वीलाईट ऑफ इंडियाज इंडिपेंडेंस विषय पर डी. लिट की उपाधि से सम्मानित किया गया।
इतिहास और राजनीति विज्ञान के प्रति आपका विशेष लगाव होने के कारण आपने राजनीति क्षेत्र में प्रवेश किया तथा सामाजिक परिवर्तन के मुख्य उत्प्रेरक बने। आपने दस वर्षों तक महाराष्ट्र राज्य में कैबिनेट मंत्री पद सुशोभित किया तथा पच्चीस वर्षों तक नागपुर शहर से महाराष्ट्र विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया।
1983 में आपके द्वारा ‘लोकमान्य तिलक जनकल्याण शिक्षण संस्थान’ की स्थापना की गई। यह संस्था सम्पूर्ण देश में महत्त्वाकांक्षी विद्यार्थियों के विशाल समूह के साथ शिक्षा के विभिन्न कार्यों को सम्पन्न कर रही हैं।
लेखक की यह पुस्तक उनके डिलीट कार्य पर आधारित है। प्रस्तुत पुस्तक भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों और भारत के राजनीतिक नेताओं के अमूल्य बलिदानों, संघर्षो और ऐतिहासिक रूप से जीवंत भागीदारी को सामने लाने तथा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक छोटा-सा प्रयास है, जिन्होंने भारत को बहु प्रतीक्षित स्वतंत्रता अर्जित करने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।