‘साहित्य मनीषियों की अद्भुत दास्तानें’ पुस्तक में हिंदी के तीन पीढ़ियों के अलग-अलग शख्सियत वाले इक्कीस बड़े साहित्यकारों की प्रेरणाप्रद जीवनियाँ सँजोई गई हैं, जिनका जीवन एक मिसाल है कि बड़ी से बड़ी मुश्किलें झेलकर भी हम कैसे अपनी राह टटोल सकते हैं और मंजिल को पा सकते हैं। ये साहित्यकार हैं- देवेंद्र सत्यार्थी, विष्णु प्रभाकर, रामविलास शर्मा, बाबा नागार्जुन, त्रिलोचन, भीष्म साहनी, रामदरश मिश्र, नामवर सिंह, विद्यानिवास मिश्र, श्यामाचरण दुबे, धर्मवीर भारती, रघुवीर सहाय, शैलेश मटियानी, कन्हैयालाल नंदन, विश्वनाथप्रसाद तिवारी, लाखनसिंह भदौरिया सौमित्र, डॉ. शेरजंग गर्ग, बालस्वरूप राही, हरिपाल त्यागी, विष्णु खरे, और बल्लभ सिद्धार्थ ।
About the Author
प्रकाश मनु – सुप्रसिद्ध साहित्यकार, संपादक और बच्चों के प्रिय लेखक । मूल नाम : चंद्रप्रकाश विग ।
जन्म : 12 मई, 1950 को शिकोहाबाद, उत्तर प्रदेश में ।
शिक्षा : आगरा कॉलेज, आगरा से भौतिक विज्ञान में एम.एस-सी. (1973)। फिर साहित्यिक रुझान के कारण जीवन का सारा ताना-बाना ही बदल गया। पूरा जीवन लिखने-पढ़ने के लिए समर्पित करने का निश्चय । 1975 में हिंदी साहित्य में एम.ए.। 1980 में यू.जी.सी. के फेलोशिप के तहत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से ‘छायावाद एवं परवर्ती काव्य में सौंदर्यानुभूति’ विषय पर शोध संपन्न। कुछ वर्ष प्राध्यापक रहे। लगभग ढाई दशकों तक बच्चों की लोकप्रिय पत्रिका ‘नंदन’ के संपादन से जुड़े रहे। अब स्वतंत्र लेखन । प्रसिद्ध साहित्यकारों के संस्मरण, आत्मकथा तथा बाल साहित्य से जुड़ी कुछ बड़ी योजनाओं पर काम कर रहे हैं।
उपन्यास : यह जो दिल्ली है, कथा सर्कस, पापा के जाने के बाद ।
कहानियाँ : अंकल को विश नहीं करोगे, सुकरात मेरे शहर में, अरुंधती उदास है, जिंदगीनामा एक जीनियस का, तुम कहाँ हो नवीन भाई, मिसेज मजूमदार, मिनी बस, दिलावर खड़ा है, मेरी श्रेष्ठ कहानियाँ, मेरी इकतीस कहानियाँ, 21 श्रेष्ठ कहानियाँ, प्रकाश मनु की लोकप्रिय कहानियाँ, मेरी कथायात्रा : प्रकाश मनु, तुम याद आओगे लीलाराम, भटकती जिंदगी का नाटक ।
कविता : एक और प्रार्थना, छूटता हुआ घर, कविता और कविता के बीच।
जीवनी : देवेंद्र सत्यार्थी: एक सफरनामा, जो खुद कसौटी बन गए
आत्मकथा : मेरी आत्मकथा : रास्ते और पगडंडियाँ, मैं मनु ।