498A : Fears and Dreams (498ए : फियर्स एंड ड्रीम्स)

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‘498ए : फियर्स एंड ड्रीम्स’ उपन्यास में लेखक का दावा है कि सही ज्ञान, सही दर्शन, और सही आचरण समाज के मुख्य स्तंभ हैं, और लेखक अहंकार, कपट, लालच, हिंसा, झूठ, असत्य, अज्ञानता, पाखंड आदि की निंदा करता है। यदि दंपति सहिष्णुता, समझौता, स्व-सहायता, व्यक्तिगत कर्तव्य के साथ-साथ व्यक्तिगत स्वतंत्रता के निर्देशों का पालन करते हैं, तो उनके द्वारा सुखी वैवाहिक जीवन जिया जा सकता है। तन्वी, अंजुला, और जी. के. अपने दुखों और अकेलेपन के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि वे भटक जाती हैं और विवाहित जीवन की वास्तविकताओं से समझौता करने में विफल रहती हैं। पुरुषों को यह समझना होगा कि महिलाएं केवल खेलने का खिलौना नहीं हैं। यहां महिलाओं की न्यायसंगत मांगों का समर्थन करने का प्रयास किया गया है क्योंकि मानसिक स्वतंत्रता उनके लिए भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है। इसके अलावा, इस उपन्यास को ललित कला और सच्चाई से जोड़ा गया है। बेशक, प्रत्येक व्यक्ति को अपने दायित्वों के प्रति सचेत रहना होगा।

About the Author

डॉ. विकास शर्मा सम्प्रति सी. सी. एस. यूनिवर्सिटी, मेरठ (उ.प्र.) में प्रोफेसर व अंग्रेजी विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं। प्रोफेसर विकास ने अकादमिक जगत की सर्वोच्च उपाधि डी.लिट् अमेरिकन रचनाकार एमरसन व हेनरी डेविड थोरो के साहित्य पर प्राप्त की है। अंग्रेजी के अतिरिक्त, हिंदी में भी कविताएं व उपन्यास लिखने वाले प्रोफेसर शर्मा अब तक नौ अंग्रेजी उपन्यास व एक हिंदी उपन्यास ‘राह के पत्थर’ लिख चुके हैं। प्रोफेसर विकास के उपन्यासों पर अनेक विश्वविद्यालयों में दो दर्जन से अधिक शोधार्थी शोधरत हैं व एक दर्जन से अधिक विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में उनके उपन्यास पढ़ाये जा रहे हैं। अंग्रेजी उपन्यासों पर प्रोफेसर विकास शर्मा की आलोचनात्मक पुस्तक Novel As An Art Form With Special Reference to Anglo Indian Artists छात्रों, शिक्षकों व शोधार्थियों के लिए एक उपयोगी पुस्तक है । ‘498ए : फियर्स एंड ड्रीम्स’ का हिंदी अनुवाद पाठकों को समर्पित है।
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‘498ए : फियर्स एंड ड्रीम्स’ उपन्यास में लेखक का दावा है कि सही ज्ञान, सही दर्शन, और सही आचरण समाज के मुख्य स्तंभ हैं, और लेखक अहंकार, कपट, लालच, हिंसा, झूठ, असत्य, अज्ञानता, पाखंड आदि की निंदा करता है। यदि दंपति सहिष्णुता, समझौता, स्व-सहायता, व्यक्तिगत कर्तव्य के साथ-साथ व्यक्तिगत स्वतंत्रता के निर्देशों का पालन करते हैं, तो उनके द्वारा सुखी वैवाहिक जीवन जिया जा सकता है। तन्वी, अंजुला, और जी. के. अपने दुखों और अकेलेपन के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि वे भटक जाती हैं और विवाहित जीवन की वास्तविकताओं से समझौता करने में विफल रहती हैं। पुरुषों को यह समझना होगा कि महिलाएं केवल खेलने का खिलौना नहीं हैं। यहां महिलाओं की न्यायसंगत मांगों का समर्थन करने का प्रयास किया गया है क्योंकि मानसिक स्वतंत्रता उनके लिए भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है। इसके अलावा, इस उपन्यास को ललित कला और सच्चाई से जोड़ा गया है। बेशक, प्रत्येक व्यक्ति को अपने दायित्वों के प्रति सचेत रहना होगा।

About the Author

डॉ. विकास शर्मा सम्प्रति सी. सी. एस. यूनिवर्सिटी, मेरठ (उ.प्र.) में प्रोफेसर व अंग्रेजी विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं। प्रोफेसर विकास ने अकादमिक जगत की सर्वोच्च उपाधि डी.लिट् अमेरिकन रचनाकार एमरसन व हेनरी डेविड थोरो के साहित्य पर प्राप्त की है। अंग्रेजी के अतिरिक्त, हिंदी में भी कविताएं व उपन्यास लिखने वाले प्रोफेसर शर्मा अब तक नौ अंग्रेजी उपन्यास व एक हिंदी उपन्यास ‘राह के पत्थर’ लिख चुके हैं। प्रोफेसर विकास के उपन्यासों पर अनेक विश्वविद्यालयों में दो दर्जन से अधिक शोधार्थी शोधरत हैं व एक दर्जन से अधिक विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में उनके उपन्यास पढ़ाये जा रहे हैं। अंग्रेजी उपन्यासों पर प्रोफेसर विकास शर्मा की आलोचनात्मक पुस्तक Novel As An Art Form With Special Reference to Anglo Indian Artists छात्रों, शिक्षकों व शोधार्थियों के लिए एक उपयोगी पुस्तक है । ‘498ए : फियर्स एंड ड्रीम्स’ का हिंदी अनुवाद पाठकों को समर्पित है।

Additional information

Author

Vikas Sharma

ISBN

9789356847484

Pages

96

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Junior Diamond

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9356847487

Flipkart

https://www.flipkart.com/498a-fears-dreams-hindi/p/itm216ab791f98c0?pid=9789356847484

ISBN 10

9356847487