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Hitopdesha Ki Prasidh Kahaniyan : Story Books in Hindi | Hindi Short Stories for Children

200.00

हितोपदेश की रचना तब की प्राचीन भाषा संस्कृत में नारायण पंडित द्वारा 12वीं शताब्दी में लिखा गया है। प्राचीन भारतीय संस्कृति की ये कहानियाँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी पहले थी। नैतिकता, बुद्धि-विवेक, ज्ञान से भरपूर इन कहानियों को भारत के सांस्कृतिक इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा सकता है। कहानियों का कथाशिल्प पशु-पक्षियों को बनाया गया है एवं पशु-पक्षियों के वार्तालाप के माध्यम से नैतिकता, जन-कल्याण, एकता एवं बुद्धि विवेक सम्मत विचारों को सीखने व समझने पर जोर दिया गया है। इस कहानी संग्रह को बहुत आसान भाषा में एवं कहानियों को रंगीन चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है जो पाठकों एवं बाल पाठकों को आसानी से समझ भी आयेगा एवं रोचक भी लगेगा। इस कहानी संग्रह में आपको “बूढ़ा गिद्ध”, “पक्षी व मूर्ख बंदर”, “बेवकूफ गधा”, “हाथी व दुष्ट भेड़िया” और भी अनेक पात्रों से परिचित होने का अवसर पाठकों को मिलेगा। आशा करते हैं पाठकों को यह पुस्तक पसंद आयेगी।

Additional information

Author

Pratibha Kasturia

ISBN

9789357188432

Pages

144

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Dimond Toons

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9357188436

Flipkart

https://www.flipkart.com/hitopdesha-ki-prasidh-kahaniyan-story-books-hindi-short-stories-children/p/itmfe41d5c4ea8fd?pid=9789357188432

ISBN 10

9357188436

हितोपदेश की रचना तब की प्राचीन भाषा संस्कृत में नारायण पंडित द्वारा 12वीं शताब्दी में लिखा गया है। प्राचीन भारतीय संस्कृति की ये कहानियाँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी पहले थी। नैतिकता, बुद्धि-विवेक, ज्ञान से भरपूर इन कहानियों को भारत के सांस्कृतिक इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा सकता है। कहानियों का कथाशिल्प पशु-पक्षियों को बनाया गया है एवं पशु-पक्षियों के वार्तालाप के माध्यम से नैतिकता, जन-कल्याण, एकता एवं बुद्धि विवेक सम्मत विचारों को सीखने व समझने पर जोर दिया गया है। इस कहानी संग्रह को बहुत आसान भाषा में एवं कहानियों को रंगीन चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है जो पाठकों एवं बाल पाठकों को आसानी से समझ भी आयेगा एवं रोचक भी लगेगा। इस कहानी संग्रह में आपको “बूढ़ा गिद्ध”, “पक्षी व मूर्ख बंदर”, “बेवकूफ गधा”, “हाथी व दुष्ट भेड़िया” और भी अनेक पात्रों से परिचित होने का अवसर पाठकों को मिलेगा। आशा करते हैं पाठकों को यह पुस्तक पसंद आयेगी।

ISBN10-9357188436

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