A Ji Suniye (H) Hindi(PB)


A Ji Suniye (H) Hindi(PB)
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अशोक चक्रधर ने अपनी कृतियों में समाज के विरोधाभासपूर्ण संदर्भों, परिस्थितियों और चरणों का मार्मिक एवं सजीव अंकन किया है। उन्होंने परिवेशजन्य विषमाताओं पर तीव्र व्यंग्य-प्रहार किए हैं। कटु एवं सत्य प्रसंगों को उजागर किया है। वर्तमान समाज की सही विवेचना करके उसकी विरूपताओं को व्यंग्य का लक्ष्य बनाने में उन्होंने विशेष सफलता प्राप्त की है। उज्ज्वल समाज के निर्माण में उनकी रचनाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ISBN10-8171829678
Additional information
Author | Ashok Chakradhar |
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ISBN | 9788171829675 |
Pages | 128 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171829678 |