Aakhiri Aawaz (आख़िरी आवाज़)

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‘आखिरी आवाज‍’ जिन्हें हिंदी साहित्य का शिरोमणि माना जाता है ये उनके द्वारा रचित एक प्रसिद्ध उपन्यास है। अपनी अदभुत कल्पना शक्ति, असाधारण प्रतिभा के द्वारा उन्होंने एक साधारण से कथानक को इतनी खूबसूरती से वर्णित किया है कि पढ़ते-पढ़ते पाठक रोमांचित होने से नहीं बच सकता है। गांवों में अक्सर ऐसा देखने को मिलता कि सरपंच, दरोगा और ऊंची पहुँच वाले धनवानों की किस तरह तूती बोलती है कि साधारण ग्रामीण अन्याय के विरुद्ध आवाज तक नहीं उठा सकता। साथ ही मानवीय उद्वेगों, दबंग और घूसखोरी आदि सामाजिक बुराइयों को भी लेखक ने बड़ी ही सालता से बेनकाब किया है।
रांगेय राघव हिंदी के उन विशिष्ट और बहुमुखी प्रतिभावाले रचनाकारों में से हैं जो बहुत ही कम उम्र लेकर इस उम्र इस संसार में आए लेकिन अल्पायु में ही एक साथ उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार, आलोचक, नाटककार, कवि, इतिहासवेत्ता तथा रिपोर्ताज लेखक के रूप में स्वंय को प्रतिस्थापित कर दिया, साथ ही अपने रचनात्मक कौशल से हिंदी की महान सृजनशीलता के दर्शन करा दिए। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर जीवनीपरक उपन्यासों का ढेर लगा दिया। विशिष्ट कथाकार के रूप में उनकी सृजनात्मक संपन्नता प्रेमचंदोत्तर रचनाकारों के लिए बड़ी चुनौती बनी।

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Aakhiri Aawaz (आख़िरी आवाज़)
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‘आखिरी आवाज‍’ जिन्हें हिंदी साहित्य का शिरोमणि माना जाता है ये उनके द्वारा रचित एक प्रसिद्ध उपन्यास है। अपनी अदभुत कल्पना शक्ति, असाधारण प्रतिभा के द्वारा उन्होंने एक साधारण से कथानक को इतनी खूबसूरती से वर्णित किया है कि पढ़ते-पढ़ते पाठक रोमांचित होने से नहीं बच सकता है। गांवों में अक्सर ऐसा देखने को मिलता कि सरपंच, दरोगा और ऊंची पहुँच वाले धनवानों की किस तरह तूती बोलती है कि साधारण ग्रामीण अन्याय के विरुद्ध आवाज तक नहीं उठा सकता। साथ ही मानवीय उद्वेगों, दबंग और घूसखोरी आदि सामाजिक बुराइयों को भी लेखक ने बड़ी ही सालता से बेनकाब किया है।
रांगेय राघव हिंदी के उन विशिष्ट और बहुमुखी प्रतिभावाले रचनाकारों में से हैं जो बहुत ही कम उम्र लेकर इस उम्र इस संसार में आए लेकिन अल्पायु में ही एक साथ उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार, आलोचक, नाटककार, कवि, इतिहासवेत्ता तथा रिपोर्ताज लेखक के रूप में स्वंय को प्रतिस्थापित कर दिया, साथ ही अपने रचनात्मक कौशल से हिंदी की महान सृजनशीलता के दर्शन करा दिए। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर जीवनीपरक उपन्यासों का ढेर लगा दिया। विशिष्ट कथाकार के रूप में उनकी सृजनात्मक संपन्नता प्रेमचंदोत्तर रचनाकारों के लिए बड़ी चुनौती बनी।

Additional information

Author

Rangeya Raghav

ISBN

9789359643045

Pages

96

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9359643041

Flipkart

https://www.flipkart.com/aakhiri-aawaz-hindi/p/itmfa11b4e1b9cef?pid=9789359643045

ISBN 10

9359643041