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यह मूलतः हिन्दी में लिखा गया एक उपन्यास है। यह किताब एक सम्पन्न परिवार की गोल्ड मेडलिस्ट युवा लड़की की पी.एच.डी. की कहानी है जो शिक्षित होने के पश्चात पहले कुछ वर्ष देश के गरीबों के लिए कुछ कार्य करना चाहती है। वह यह संदेश देना चाहती है देश के युवाओं को शिक्षित व योग्य होने के पश्चात् वे अपने व अपने परिवार के बारे में सोचने के साथ-साथ देश के लिए भी कुछ करने की अवश्य सोचना चािहए। देश के यदि बीस करोड़ युवा सरकार के कंधे से कंधा मिला लें तो सरकार की सारी योजनायें सफल हो सकेंगी, न सिर्फ सफल होंगी बल्कि कम समय में पूर्ण हो सकती हैं।
Author | Girish Kushwah |
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ISBN | 9789352964000 |
Pages | 104 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9352964004 |
यह मूलतः हिन्दी में लिखा गया एक उपन्यास है। यह किताब एक सम्पन्न परिवार की गोल्ड मेडलिस्ट युवा लड़की की पी.एच.डी. की कहानी है जो शिक्षित होने के पश्चात पहले कुछ वर्ष देश के गरीबों के लिए कुछ कार्य करना चाहती है। वह यह संदेश देना चाहती है देश के युवाओं को शिक्षित व योग्य होने के पश्चात् वे अपने व अपने परिवार के बारे में सोचने के साथ-साथ देश के लिए भी कुछ करने की अवश्य सोचना चािहए। देश के यदि बीस करोड़ युवा सरकार के कंधे से कंधा मिला लें तो सरकार की सारी योजनायें सफल हो सकेंगी, न सिर्फ सफल होंगी बल्कि कम समय में पूर्ण हो सकती हैं।