भाई महीपाल सिंह ने अपनी “अभिव्यक्ति” के माध्यम से एक मनुष्य को लक्ष्मण रेखा के अंतर्गत रहने का संदेश बहुत अच्छे ढंग से दिया है। मुझे विश्वास है कि इनकी ‘अभिव्यक्ति’ अच्छे चरित्र निर्माण में सहायक सिद्ध होगी। –एन पी सिंह (भारत में आर डब्ल्यू ए संगठनों के अध्यक्ष)
जैसा कि मैं लगभग बीस वर्षों से जानता हूँ कि श्री महीपाल सिंह पूर्णतः एक सज्जन, दूरदृष्टा एवं बहुप्रतिभाशाली व्यक्ति हैं यही गुण इन्हे समाज में विशिष्ट बनाते हैं।
एक उत्कृष्ट सार्वजनिक वक्ता के रूप में पहचाने जाने वाले महीपाल सिंह के लेखन का कौशल ‘अभिव्यक्ति’ के माध्यम से उनकी छवि में पंख लगायेगा। इस नवीनतम ग्रन्थ के लिए मेरी शुभकामनायें। –सुशील वैद (समाजसेवी)
मुझे ऐसा लगता है कि महीपाल सिंह अच्छे वक्ता होने के साथ-साथ एक बहुत अच्छे ऑब्जर्वर भी हैं, जिन्होंने मेरी एक छोटी सी मुलाकात को अच्छी कहानी के रूप में प्रस्तुत किया। मैं आशा करता हूँ कि इनकी यह “अभिव्यक्ति” बहुत अच्छी संदेशप्रद होगी। –कर्नल बी.के. धूपर (सुरक्षाविद)
जय हो, भाई महीपाल सिंह! मैने अपनी बडौदरा पोस्टिंग के दौरान की एक घटना सुनाई जिसका आपने ‘गुमशुदा तलाश केंद्र’ नामक कहानी के रूप में बहुत ही मार्मिक चित्रण किया।
जैसा कि मैं लगभग बीस वर्षों से जानता हूँ कि श्री महीपाल सिंह पूर्णतः एक सज्जन, दूरदृष्टा एवं बहुप्रतिभाशाली व्यक्ति हैं यही गुण इन्हे समाज में विशिष्ट बनाते हैं।
एक उत्कृष्ट सार्वजनिक वक्ता के रूप में पहचाने जाने वाले महीपाल सिंह के लेखन का कौशल ‘अभिव्यक्ति’ के माध्यम से उनकी छवि में पंख लगायेगा। इस नवीनतम ग्रन्थ के लिए मेरी शुभकामनायें। –सुशील वैद (समाजसेवी)
मुझे ऐसा लगता है कि महीपाल सिंह अच्छे वक्ता होने के साथ-साथ एक बहुत अच्छे ऑब्जर्वर भी हैं, जिन्होंने मेरी एक छोटी सी मुलाकात को अच्छी कहानी के रूप में प्रस्तुत किया। मैं आशा करता हूँ कि इनकी यह “अभिव्यक्ति” बहुत अच्छी संदेशप्रद होगी। –कर्नल बी.के. धूपर (सुरक्षाविद)
जय हो, भाई महीपाल सिंह! मैने अपनी बडौदरा पोस्टिंग के दौरान की एक घटना सुनाई जिसका आपने ‘गुमशुदा तलाश केंद्र’ नामक कहानी के रूप में बहुत ही मार्मिक चित्रण किया।