Anugoonj (अनुगूंज)

150.00

अनुगूंज की प्रत्येक कहानी अपने में अनूठी होने के साथ-साथ एक अनछुए पहलू को उजागर करती है। जहां लेखक ने एक ओर “पंक्चुअल साहब” व ‘संडास की सैर’ में अकर्मण्य सरकारी तंत्र की तानाशाही को बहुत चुटीले अंदाज़ में नाप डाला है, वहीं दूसरी ओर “मुफ़त की चुस्की” और “अन्नापूर्णा” में जीवन के मार्मिक प्रसंगों को भावुकता से बयान किया है। भौतिकवादी दुनिया में सामाजिक व पारिवारिक सम्बन्धों को तार-तार कर कैसे स्वार्थ सिद्वि की जाती है यह ‘श्यूं. पिग्गी-बैक राइड’ में मिलता है। जीवन के कुछ अन्य मनोरंजक घटनाओं को बहुत रोचक अन्दाज़ में ‘हीरो मुन्नालाल’ ‘लाल का कमाल’ और ‘जुगाडू गृहणी’ में कहानी के रुप में ढाला गया है। सामाज की वास्तविक स्थिति का चित्रण भी कहानी के माध्यम से बहुत सटीक ढंग से किया गया है।

Additional information

Author

Bal Krishna Saxena

ISBN

9789390960163

Pages

48

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/Anugoonj–Bal-Krishna-Saxena/dp/9390960169/ref=sr_1_1?dchild=1&keywords=9789390960163&qid=1629271477&sr=8-1

ISBN 10

9390960169

अनुगूंज की प्रत्येक कहानी अपने में अनूठी होने के साथ-साथ एक अनछुए पहलू को उजागर करती है। जहां लेखक ने एक ओर “पंक्चुअल साहब” व ‘संडास की सैर’ में अकर्मण्य सरकारी तंत्र की तानाशाही को बहुत चुटीले अंदाज़ में नाप डाला है, वहीं दूसरी ओर “मुफ़त की चुस्की” और “अन्नापूर्णा” में जीवन के मार्मिक प्रसंगों को भावुकता से बयान किया है। भौतिकवादी दुनिया में सामाजिक व पारिवारिक सम्बन्धों को तार-तार कर कैसे स्वार्थ सिद्वि की जाती है यह ‘श्यूं. पिग्गी-बैक राइड’ में मिलता है। जीवन के कुछ अन्य मनोरंजक घटनाओं को बहुत रोचक अन्दाज़ में ‘हीरो मुन्नालाल’ ‘लाल का कमाल’ और ‘जुगाडू गृहणी’ में कहानी के रुप में ढाला गया है। सामाज की वास्तविक स्थिति का चित्रण भी कहानी के माध्यम से बहुत सटीक ढंग से किया गया है।

ISBN10-9390960169

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